दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने साइबर ठगी के खिलाफ विशेष अभियान में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में एक एलएलबी पास युवक, एक 12वीं पास छात्र और एक 10वीं पास वेल्डर शामिल हैं। ये आरोपी ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से लोगों को ठग रहे थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि द्वारका साइबर पुलिस स्टेशन में हाल ही में दर्ज मामलों की जांच में पता चला कि आरोपी राजस्थान में साइबर अपराध के उभरते हॉटस्पॉट टोंक, सीकर और जयपुर जैसे इलाकों में सक्रिय हैं। डिजिटल फुटप्रिंट्स के विश्लेषण और सघन जांच के बाद पुलिस टीम ने एक सप्ताह के भीतर टोंक, सीकर और जयपुर में कार्रवाई कर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।
आरोपियों की पहचान और विवरण
आरोपियों में सुरेंद्र कुमार डूडी, दीपक वर्मा और राजवीर शामिल हैं। सुरेंद्र कुमार डूडी ने एलएलबी की पढ़ाई की है और वह अपने चचेरे भाई के कहने पर साइबर अपराध में शामिल हुआ। वह लोगों को डिजिटल अरेस्ट की बात कहता था और फिर ठगी कर रुपये कमाता था।
दीपक वर्मा 12वीं पास है और वह किसी दूसरे के कहने से साइबर अपराध करने लगा। वह ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करता था और आरोपियों को बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था, जिसके लिए उसे प्रति खाता/सिम तीन से पांच हजार रुपये मिलते थे।
राजवीर 10वीं पास है और वह कृषि उपकरणों की वेल्डिंग और मरम्मत का काम करता था। उसके दोस्त गौरी शंकर ने उसे अपने फर्म के नाम पर खाता खोलने और उसका दुरुपयोग करने के लिए उकसाया, जिसके बाद वह भी साइबर अपराध में शामिल हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से लोगों को ठगा है। पुलिस अब आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है और मामले की जांच कर रही है।