राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ का संकट और गंभीर कर दिया है। यमुना नदी के तट पर बसे यमुना बाजार क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सोमवार की देर रात को यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से यमुना बाजार की कॉलोनियों में पानी भरना शुरू हो गया। कुछ ही घंटों में स्थिति इतनी खराब हो गई कि कॉलोनी के घरों में पानी घुस गया, जिसके कारण लोग अपने घरों को छोड़कर छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। बाढ़ की इस आपदा के बीच कुछ लोग अपने सामान को छतों पर सुरक्षित करने में जुटे हैं, जबकि अन्य अपने सामान के साथ राहत शिविरों की ओर जा रहे हैं।
हाल ही में मॉनसून की भारी बारिश के दौरान भी यमुना बाजार इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी। उस समय दिल्ली सरकार ने मुख्य सड़कों के किनारे अस्थायी टेंट लगवाए थे ताकि प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते दिल्ली में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार देर रात तक बैराज से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका था। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।
आज, मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को सुबह 6 बजे यमुना नदी का जलस्तर 205.68 मीटर दर्ज किया गया। गौरतलब है कि यमुना नदी में खतरे का निशान 205.33 मीटर है। अनुमान है कि आज शाम 5 बजे तक नदी का जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद दिल्ली सरकार ने पुराने रेलवे ब्रिज (Old Railway Bridge) पर वाहनों और आम लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।