रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता हैं व किसने इसकी शुरुआत की थी ? चलिए जानते हैं राखी पर्व के बारे में।

रक्षाबंधन एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस त्योहार पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। रक्षाबंधन की उत्पत्ति के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने राक्षस राजा बलि को पराजित करने के लिए इंद्राणी ने उनकी कलाई पर राखी बांधी थी, जिससे वह भगवान विष्णु के प्रति वचनबद्ध हो गए थे। एक अन्य कथा के अनुसार, यमुना नदी ने अपने भाई यमराज को राखी बांधी थी, जिससे उन्होंने उसकी रक्षा का वचन दिया था।

रक्षाबंधन की शुरुआत के बारे में निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार पर बहनें और भाई के बीच के प्यार और स्नेह को मजबूत करने का एक अवसर है, और यह भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए विशेष तैयारियां करती हैं और भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

रक्षाबंधन का महत्व केवल भाई-बहन के रिश्ते तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में प्रेम, स्नेह और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह त्योहार हमें अपने परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है और हमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है। आज के समय में रक्षाबंधन का महत्व और भी बढ़ गया है, जब परिवार और समाज में बदलते मूल्यों और रिश्तों को देखकर हमें अपने पारंपरिक मूल्यों और रिश्तों को मजबूत करने की आवश्यकता है। रक्षाबंधन का त्योहार हमें अपने भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।

Office Desk
Author: Office Desk

Leave a Comment