राजधानी दिल्ली में अभी लोगो ने अपने घरो में कम्बल का भी इस्तेमाल नहीं किया है लेकिन प्रदुषण की चादर में पुरे दिल्लीवाशी ढक चुके है हालंकि अक्तूबर के आखिरी दिनों में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। कई राज्यों की हालत खस्ता बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 पार कर गया है। 300 से ऊपर एक्यूआई जाने का मतलब है कि शहर की हवा बहुत खराब स्थिति में है। ऐसे में वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गंभीर हो गया है। उसने दिल्ली, पंजाब समेत पांच राज्यों से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
सोमवार को 416 एक्यूआई के साथ जींद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। प्रदूषित हवा की वजह से आंखों में जलन और सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, विशेषज्ञ के अनुसार प्रदूषण से फिलहाल दिवाली तक राहत के आसार नहीं हैं।
इन राज्यों से मांगे जवाब शीर्ष अदालत ने जिन राज्यों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है वो निम्न हैं-
दिल्ली
पंजाब
उत्तर प्रदेश
हरियाणा
राजस्थान अभी तक 5 राज्यों से मांगे गए है जवाब हालंकि बार बार जिस तरह से पंजाब में जलते हुए पराली को लेकर सवाल उठते है उस पर भी रोक लगाई गयी है और साथ ही कई ऐसे प्लान प्रदुषण को रुकने के लिए बनाये गए है