यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र आमरण अनशन पर : परीक्षा मे एक अतिरिक्त मौके की मांग

नई दिल्ली। यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए चर्चित UPSE HUB के नाम से मशहूर राजेन्द्र नगर में देश के सभी राज्यों से हर साल यूपीएससी की परीक्षाओं को क्रेक करने का सपनो लेकर व अपनी अलग पहचान बनाने के लिए हजारों की संख्या में छात्र/छात्रों आते है। लेकिन वहीं कुछ UPSC छात्रों के सपनो को भारत सरकार नजरअंदाज करती हुई नजर आ रही है।

हालांकि ये वो छात्र है जिनका कोरोना वायरस काल के दौरान लगे देश में लॉकडाउन की वजह से यूपीएससी की परीक्षा को सरकार ने रद्द किया था। हालांकि लॉकडाउन की वजह से देश में ऐसा कोई भी छात्र नहीं था जो प्रभावित ना हुआ हो। जैसे-जैसे देश में कोरोना की स्थिति मे नियत्रंण होता गया वैसे-वैसे हालातों में सुधार होता गया। सरकार ने भी स्कूल व कॉलेज के छात्रों की परीक्षाओ से लेकर किसान, मजदूर, व्यापारियों व उद्योगपतियों तक के जीवन को पटरी पर लाने के लिए विशेष प्रावधान किए। लेकिन देशभर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को विशेष प्रावधान से वांछित रखा गया। जिसको लेकर यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र/छात्राओं ने लगातार कई राज्यों में धरना प्रदर्शन भी किये।

वहीं बीते शनिवार से चारदीवारी के अंदर अपने आप को कैद करके कुछ यूपीएससी छात्र अनशन (भूख हड़ताल) पर बैठे हुए है व इस अभियान में ऑनलाइन माध्यम से दूसरे राज्यों के भी यूपीएससी एस्पिरेंट इसमें शामिल हो रखे है। दिल्ली अपटुडेट समाचार पत्र की टीम मंगलवार की रात राजेंद्र नगर में पहुंची। वहां भूख हड़ताल पर बैठे एक छात्र कुश चतुर्वेदी ने बातचीत के दौरान बताया कि वो सरकार से यूपीएससी-सीएसई में यूपीएससी एस्पिरेंट को एक अतिरिक्त मौका देने की मांग कर रहे है जो कोरोना वायरस काल के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से जिन छात्रों की परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
आमरण अनशन पर बैठे हुए छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी इस मांग की और ध्यान नहीं देती और उन्हें परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त मौका नहीं देती उनका यह आमरण अनशन जारी रहेगा। ये अनशन #AllIndiaHungerStrike के नाम से पूरे देश में चलता रहेगा। कुश चतुर्वेदी का यह भी कहना था कि कि एक फ़रवरी को सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में यूपीएससी छात्रों की परीक्षा में एक अतिरिक्त मौके की मांग को नहीं माना गया तो वह अन्न के साथ-साथ जल को भी त्याग देंगे।

साथ ही, उनका कहना था कि इस दौरान अगर उन्हें कुछ होता है तो सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। गौरतलब है कि कुश चतुर्वेदी व उनके साथ कई अन्य राज्यों के साथी जो पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल बैठे है और उन छात्रों का भी साफ तौर पर यहीं कहना है कि सरकार हम लोगों को भी परीक्षा में एक अतिरिक्त मौका दें।

@Narender Dhawan

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Author: Narender Dhawan

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