दिल्ली सरकार और एलजी के बीच लगातार विवाद चलते ही रहते है। एक मुद्दा ख़तम नहीं होता की अगला विवाद शुरू हो जाता है। ठीक उसी तरह अभी तक बिजली विवाद ख़त्म नहीं हुआ था की नया विवाद फिर शुरू हो गया।
दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल की ओर से अनावश्यक देरी की वजह से दिल्ली सरकार द्वारका स्थित माडर्न इंटरनेशनल स्कूल के अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं कर पा रही है। दिल्ली सरकार ने स्कूल प्रशासन में कई खामिया पायी थी जिसके बाद दिसंबर 2022 में इस स्कूल को अपने कब्जे में लेने का निर्णय लिया था। और इसके अधिग्रहण के लिए एक प्रस्ताव एलजी ऑफिस भेज दिया था।
इसमें कहा गया है कि स्कूल ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश न देने के साथ मुफ्त यूनिफार्म व स्टेशनरी नहीं दे रहा है।शिक्षकों को गलत तरीके से बर्खास्त किया है और 11वीं में फर्जी व डमी रजिस्ट्रेशन किया है।
दिल्ली सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियम 1973 का पालन करने में असफल होने पर स्कूल को टेकओवर करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार ने कहा की दुर्भाग्यवर्ष 2023 में भेजी गई फाइल को अभी तक एलजी दबा कर बैठे है। और अधिकार क्षेत्र में न होने के बावजूद शिक्षा के मामलों पर अपना आब्जर्वेशन देकर स्कूल के अधिग्रहण में बाधा डाल रहे हैं।शिक्षा मंत्री आतिशी ने एलजी के आब्जर्वेशन के बाद फिर एक और प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और स्कूल के अधिग्रहण की अनुमति देने की मांग की गई थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर निराशा जताते हुए और अभिग्रहण में हो रही अनावश्यक देरी को लेकर फिर से एक बार एलजी को घेरा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूल को अपने कब्जे में लेने का अंतिम निर्णय लिया है। जीएनसीटीडी (संशोधन) नियम 2021 के ट्रांजेक्शन आफ बिजनेस के नियम 47ए के तहत इस मामले को उपराज्यपाल के सामने राय व्यक्त करने के लिए रखा जा रहा है।
इस मामले को साढ़े चार महीने हो गए है और बच्चो की पढ़ाई बाधित हो रही है। सीएम ने एलजी से विनर्मता पूर्वक अनुरोध किया है की वह इस मामले पर अपनी राय दे की क्या वह इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेजना चाहते है ?
दिल्ली सरकार ने कहा है की इससे पहले भी सरकारी स्कूलो के शिक्षकों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजने में बाधा डाली थी।