JDS: वर्ष 1999 में अपने गठन के बाद से, जेडीएस ने कभी भी अपने दम पर सरकार नहीं बनाई, लेकिन दोनों राष्ट्रीय दलों के साथ गठबंधन में वह दो बार सत्ता में रही. फरवरी 2006 से वह बीजेपी के साथ 20 महीने सरकार में रही और मई 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ 14 महीने सरकार में रही जिसके मुख्यमंत्री कुमारस्वामी रहे.
Karnataka Assembly Election 2023: एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए उससे संपर्क किया है. अधिकांश एग्जिट पोल ने कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है. कुमारस्वामी बुधवार रात को रवाना होने के बाद सिंगापुर में हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह तय किया गया है कि वे किसके साथ गठबंधन करेंगे.
जेडीएस के वरिष्ठ नेता तनवीर अहमद ने एक इंटरव्यू में कहा कि फैसला ले लिया गया है. जब सही समय होगा तो हम इसे जनता के सामने घोषित करेंगे. बीजेपी ने इनकार किया है कि उसने जेडीएस से संपर्क किया था और स्पष्ट जनादेश के बारे में विश्वास व्यक्त करना जारी रखा. बीजेपी की शोभा करंदलाजे ने कहा कि गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है, बीजेपी ने जेडीएस से संपर्क नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हमें 120 सीटें मिलना तय है. कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर जानकारी हासिल करने के बाद हम 120 नंबर पर पहुंचे हैं.
बीजेपी के इनकार के बारे में पूछे जाने पर, जेडीएस ने दोहराया कि पार्टी सरकार बनाने के करीब पहुंच गई है. तनवीर अहमद ने कहा कि हां, दोनों (बीजेपी और कांग्रेस) ने हमसे संपर्क करने की कोशिश की है… जेडीएस आज ऐसी स्थिति में है कि पार्टियां हमसे संपर्क करना चाहेंगी.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोग चाहते हैं कि राज्य की बेहतरी के लिए हम दोनों राष्ट्रीय पार्टियों पर नजर रखें. और मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई कारण है कि कोई क्षेत्रीय पार्टी कर्नाटक के विकास के लिए काम नहीं करना चाहेगी. यह पूछे जाने पर कि वे किस पार्टी के साथ जाएंगे, उन्होंने कहा, जो लोग कर्नाटक और कन्नडिगाओं की भलाई के लिए काम करेगा.
यह पूछे जाने पर कि पार्टी कितनी सीटों पर जीतेगी, अहमद ने कहा कि हमारे बिना कोई भी सरकार नहीं बना सकता है. मुझे लगता है कि यह एक अच्छी संख्या है. हम पैसे के मामले में राष्ट्रीय दलों के संसाधनों का मुकाबला नहीं कर सके. लेकिन हम जानते हैं कि हमने सरकार का हिस्सा बनने के लिए पर्याप्त प्रदर्शन किया है.
जेडीएस के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा ने खराब सेहत के कारण अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था. उनके बेटे कुमारस्वामी ये जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. फिलहाल वह नियमित जांच के लिए सिंगापुर में हैं. वह मतगणना के दिन वापस आएंगे. प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान हुआ और मतों की गिनती शनिवार को होगी.
बता दें कि मतदान बाद आए अधिकांश एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ बीजेपी पर कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई है और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताई गई है. त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में जेडीएस महत्वपूर्ण कारक होगा और 2018 की तरह वह ‘किंग’ या ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर सकती है.
जेडीएस का अब तक कैसा रहा है प्रदर्शन
वर्ष 1999 में अपने गठन के बाद से, जेडीएस ने कभी भी अपने दम पर सरकार नहीं बनाई, लेकिन दोनों राष्ट्रीय दलों के साथ गठबंधन में वह दो बार सत्ता में रही. फरवरी 2006 से वह बीजेपी के साथ 20 महीने सरकार में रही और मई 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ 14 महीने सरकार में रही जिसके मुख्यमंत्री कुमारस्वामी रहे.
इस बार, पार्टी ने कुल 224 सीट में से कम से कम 123 सीट जीतकर अपने दम पर सरकार बनाने के लिए “मिशन 123” का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. जेडीएस का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2004 के विधानसभा चुनाव में रहा था जब इसने 58 सीट जीती थीं. इसके बाद 2013 में इसने 40 सीट पर जीत दर्ज की थी. 2018 में इसके खाते में 37 सीट आई थीं.