नेटवर्क का खुलासा

1.33 लाख से अधिक लोगों को बिजली काटने का संदेश भेज करोड़ों ठगे, शातिर ऐसे बनाते थे शिकार

मोबाइल पर बिजली कनेक्शन काटने का संदेश आए तो सावधान हो जाएं। जालसाज इसके जरिये देशभर में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं। बाहरी उत्तरी जिला साइबर सेल ने मामले की जांच करते हुए पश्चिम बंगाल और झारखंड से चल रहे इस नेटवर्क का खुलासा करते हुए छह ठगों को गिरफ्तार किया है।

आरोपी संदेश मिलने के बाद संपर्क करने वालों से एप डाउनलोड करवाते थे और फिर फोन की सारी जानकारी लेकर बैंक खाते में सेंध लगा देते थे। गिरोह अब तक 1.33 लाख लोगों के मोबाइल पर संदेश भेज चुका है। इनके कब्जे से पुलिस ने सात स्मार्टफोन, तीन बेसिक फोन, चार डेबिट कार्ड और एक सिम कार्ड बरामद किया है। पुलिस पांच बैंक खातों की जांच कर रही है। आरोपियों की पहचान देवघर झारखंड निवासी सिराज अंसारी, सनाउल मियां व जाहिद अंसारी और दुर्गापुर पश्चिम बंगाल निवासी दीपांकर अंकुरे, अनिकेश दास व अर्घ्य के रूप में हुई है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीआईएसएफ में कार्यरत रोहिणी निवासी सचिन निकम ने बाहरी उत्तरी जिला साइबर सेल में ठगी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को बिजली बिल का भुगतान न करने और कनेक्शन काटने की चेतावनी वाला एक संदेश मिला। संदेश में दिए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। एप डाउनलोड करते ही उनके खो से 2.05 लाख रुपये निकल गए। इसके बाद निरीक्षक रमन कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू की।

कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच में पता चला कि नंबर दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल निवासी दीपांकर के नाम से पंजीकृत है। सीडीआर रिकॉर्ड से पता चला कि इससे पूरे भारत में 1.33 लाख बिलों का भुगतान न करने और कनेक्शन काटने वाले संदेश भेजे गए हैं। जांच में शामिल नहीं होने पर पुलिस ने दीपांकर व सहयोगी अनिकेश दास को गिरफ्तार कर लिया।

इन्हें पोस्टपेड सिम कार्ड और खाते मुहैया करवाने वाले अर्घ्य से पूछताछ में पता चला कि जामताड़ा और देवघर से साइबर मामले में अर्घ्य पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह भी पता चला कि अर्घ्य के तार झारखंड और पश्चिम बंगाल के साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। तीनों बिजली बिल का भुगतान न करने वाला मैसेज देकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य हैं।

जांच के दौरान पुलिस को हावड़ा पश्चिम बंगाल के दो बैंक खातों का पता चला जिससे पैसा निकाला गया था। तकनीकी निगरानी और बैंकों के एटीएम बूथ के सीसीटीवी के जरिये पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि झारखंड के रहने वाले सिराज अंसारी, सनाउल मियां और जाहिद अंसारी हावड़ा के एसी मार्केट के एटीएम बूथ के पास लॉज लेकर रहते हैं और संदिग्ध बैंक खातों से पैसे निकालते हैं। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पांच साल से दे रहे वारदात अंजाम
जांच में पता चला कि सिराज अंसारी 10वीं पास है और पांच साल से ठगी कर रहा है। सनाउल मियां अनपढ़ है और पांच साल से ही जालसाजी कर रहा है। जाहिद अंसारी आठवीं पास है और तीन साल से ठगी कर रहा है। दीपांकर, अर्घ्य और अनिकेश दास 12वीं पास हैं। तीनों जालसाजों को सिम मुहैया करवा रहे थे।
Shanu Jha
Author: Shanu Jha

Leave a Comment