श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर छात्रों और अभिभावकों के सुझाव से अब स्कूलों और शिक्षकों को रेटिंग देने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। ओटीपी आधारित समीक्षा एप के माध्यम से छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों और अभिभावकों से कुल 20 प्रश्नों पर उनके सुझाव लिए जाएंगे। जिसमे 10 प्रश्न स्कूल और 10 प्रश्न शिक्षक से
लिए होंगे। हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू किसी भी भाषा में इनका जवाब दिया जा सकता है। स्कूल से संबंधित 10 प्रश्नों में, सुबह की प्रार्थना सभा, राष्ट्रीय गान, प्रिंसिपल- हेडमास्टर मौजूद थे या नहीं, शौचालय, पीने के स्वच्छ पानी, मिड-डे-मील में खाना व सफाई होती है या नहीं, पुस्तकालय में किताब हैं या नहीं जैसे प्रश्न शामिल होंगे।। पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के सीखने, पढ़ने की प्रवृति में सुधार के लिए देश में पहली बार प्रति 10 पर एक शिक्षक मेंटर के रूप में काम करेगा। रेटिंग के लिए अभिभावकों का सारा फीडबैक गोपनीय होगा।
जम्मू-कश्मीर सरकार के शिक्षा प्रधान ने बताया कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का भी प्रयोग किया जा रहा है। जी-20 कार्य समूह की बैठक में भी इन योजनाओं की जानकारी दी गई है। शिक्षा अभियान के तहत समीक्षा एप बनाया गया है। सरकार अगस्त महीने से स्कूलों और शिक्षकों की पहली रेटिंग लिस्ट जारी करेगी।
बता दे कि रेटिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर प्रमोशन में इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा ऐसे मेहनती शिक्षकों को पुरस्कार के रूप में भविष्य के स्कूल यानी मॉडल स्कूलों में भी सेवाएं देने का मौका मिलेगा। जबकि जिन स्कूलों की रेटिंग अच्छी होगी, उनके छात्र-शिक्षक अनुपात में वृद्धि, मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए गुरुकुल प्रारूप लाया है। मेंटरशिप के तहत पांचवीं कक्षा तक के पाँच लाख छात्रों, शिक्षकों और स्कूल को डिजिटली जोड़ा गया है। प्रति 10 छात्र को एक शिक्षक यानी मेंटर के साथ जोड़ा गया है।