मणिपुर में घुसे म्यांमार के 700 से ज्यादा नागरिक

इंफाल। म्यांमार में खराब होते हालात के बीच देश के 700 से ज्यादा नागरिक मणिपुर में प्रवेश कर चुके हैं। एक अधिकारी द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में सेना और नागरिक बलों के बीच चल रही झड़पों के कारण 301 बच्चों और 208 महिलाओं सहित म्यांमार के 718 नागरिक मणिपुर के चंदेल जिले में घुस आए हैं। मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने असम राइफल्स से म्यांमार के नागरिकों को वापस भेजने के लिए कहा है।
उन्होंने ने कहा कि सरकार ने तथ्यों और कारणों पर स्पष्टीकरण के लिए असम राइफल्स से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि क्यों और कैसे इन 718 म्यांमार नागरिकों को उचित यात्रा दस्तावेजों के बिना चंदेल जिले में भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। मुख्य सचिव ने कहा, ‘राज्य सरकार ने असम राइफल्स को म्यांमार के उन 718 अवैध नागरिकों को तुरंत वापस भेजने की सख्त हिदायत दी है।’ उन्होंने कहा कि म्यांमार के नागरिकों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर में प्रवेश किया और अब जिले के सात स्थानों – लाजांग, बोन्से, न्यू समताल, न्यू लाजंग, यांग्नोम्फाई, यांग्नोम्फाई सॉ मिल और ऐवोमजंग में रह रहे हैं। ये सभी गांव म्यांमार सीमा से लगे हुए हैं।

700 से ज्‍यादा म्यांमार नागरिक मणिपुर में घुसे, सरकार ने असम राइफल्स से  उन्हें वापस भेजने को कहा | Over 700 Myanmar nationals enter Manipur, govt  asks Assam Rifles to deport them

राज्य सरकार ने सीमा सुरक्षा बल होने के नाते असम राइफल्स को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार वैध वीजा और यात्रा दस्तावेजों के बिना किसी भी आधार पर मणिपुर में म्यांमार के नागरिकों के प्रवेश को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार 718 शरणार्थियों के ताजा अवैध प्रवेश को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ गंभीरता से लेती है, क्योंकि विशेष रूप से चल रहे कानून और व्यवस्था के मुद्दों को देखते हुए इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं।
मुख्य सचिव ने चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने और ऐसे सभी व्यक्तियों के बायोमेट्रिक्स और तस्वीरें भी रखने को कहा है। बता दें कि फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य अधिग्रहण के बाद हजारों म्यांमारवासी मिजोरम भाग आए थे। म्यांमार के लगभग 35,000 पुरुष, महिलाएं और बच्चे अब मिजोरम में रह रहे हैं। वहीं, लगभग 5000 म्यांमारियों ने मणिपुर में भी शरण ली थी। मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किमी और मिजोरम के साथ लगभग 510 किमी बिना बाड़ वाली सीमा है।

 

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Author: Staff Reporter

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