सिंगापुर। सिंगापुर में एक भारतीय मूल की महिला को यौन उत्पीड़न के मामले का सामना करना पड़ा है। महिला के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार करने और उसकी छाती पर लात मारने के मामले में आरोपी व्यक्ति को सोमवार को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।
साथ ही, पीड़िता को 814 रुपये (13.20 सिंगापुर डॉलर) मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि सिंगापुर में हिंदोचा नीता विष्णुभाई नाम की एक भारतीय मूल की महिला पर लगभग दो साल पहले मास्क नहीं पहनने पर हमला किया गया था। 7 मई, 2021 को चो चू कांग हाउसिंग स्टेट में एक चीनी व्यक्ति ने कथित तौर पर महिला की छाती पर लात मारी थी और साथ ही नस्लीय टिप्पणी भी की।
इससे पहले, भारतीय मूल की महिला ने कोर्ट में हुए ट्रायल में कहा था कि वह इस घटना के कारण हुए आघात से उबर नहीं पाईं हैं। बाद में अभियोजन पक्ष ने यहां की एक अदालत में से अनुरोध किया था कि आरोपी को नौ महीने की जेल की सजा दी जाए। जिला न्यायाधीश शैफुद्दीन सरुवान ने सोमवार को जोर देकर कहा कि नस्लीय दुर्व्यवहार का सिंगापुर में गलत प्रभाव पड़ सकता है। आरोपी में अपराध को लेकर कोई पश्चताप नहीं देखा गया। इसलिए उसे सजा देना जरूरी है।
अपनी दलीलों में, उप लोक अभियोजक मार्कस फू ने कहा कि घटना उस समय की है, जब कोरोना को लेकर सिंगापुर में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया था। पीड़िता के मुताबिक, वह आमतौर पर तेज कदमों से चलती है, ऐसे में सांस लेने के लिए उसने अपना मास्क थोड़ा नीचे कर लिया था। तभी 32 वर्षीय जिंग फोंग और उसकी मंगेतर चुआ यूं हान ने चिल्लाना शुरू कर दिया। दोनों ने मास्क को लेकर उस पर चिल्लाया और नस्लीय टिप्पणी की। नीता ने दोनों को समझाया कि वह वह व्यायाम कर रही थी।
हिंडोचा ने कहा, इसके बाद आरोपी ने छाती पर लात से वार किया, जिससे वह गिर गईं और उनके हाथ से खून बहने लगा। इसके बाद आरोपी और उसकी महिला साथी वहां से चले गए। उन्होंने बताया, बस स्टॉप पर एक महिला ने उसे उठाने में मदद की और प्राथमिक उपचार दिया। बाद में शाम को उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी।
वहीं, अदालत में सुनवाई के दौरान एक चश्मदीद गवाह ने कहा कि उसने एक व्यक्ति को महिला को लात मारते देखा था। हालांकि, फोंग ने दावा किया कि विष्णुभाई ने पहले अश्लील बातें की। उसने कहा कि महिला ने उस पर और उसकी मंगेतर पर थूका था। इसलिए उसने पीड़िता को धक्का दिया। आरोपी ने कहा कि गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था, लेकिन नस्लीय टिप्पणी नहीं की थी।