नई दिल्ली। सड़क दुर्घटना के बाद घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हर साल हजारों लोग अपनी जान गवा देते है। सड़क दुर्घटना के बाद हताहतों की संख्या को कम करने के लिए एक पहल शुरू की जा रही है जिसमें डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों दिल्ली पुलिस के 300 अधिकारियों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण देंगे।
यह पुलिसकर्मी दुर्घटनास्थल पर पीड़ित के मर्ज को पहचान कर प्राथमिक उपचार देंगे, जिससे पीड़ित की जान बचाई जा सकेगी। गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से कई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें बचाया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर पीड़ित को सिर में चोट, हार्ट अटैक, गर्दन और रीड की हड्डी में फैक्चर व अन्य दिक्कत आती है। ऐसे में दुर्घटनाओं में पीड़ितों को समय पर अस्पताल पहुंचने से ज्यादा पहले कुछ मिनटों में प्राथमिक उपचार की जरूरत होती है।
इस बारे में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को कैसे उठाना है, गर्दन के पास लगी चोट पर क्या करना है, मरीज को दिल का दौरा पड़ा है, ब्रेन में कोई क्लॉट बना है, इसकी पहचान कैसे करनी है, इसकी जानकारी दी गई है। साथ ही, उन्हें अन्य जानकारियां भी दी हैं। उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर पहले पुलिस पहुंचती है, यदि वह मरीज को प्राथमिक उपचार या स्थिर कर पाते हैं तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है। दिल्ली में हर साल हजारों दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें से काफी दुर्घटनाओं में मरीज की मौत हो जाती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 2021 में कुल मौतों का आंकड़ा 1242 है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा संख्या मोटरसाइकिल सवार और पैदल यात्रियों की होती है। कुल दुर्घटनाओं में 43 फीसदी मोटरसाइकिल सवार और 42 फीसदी पैदल यात्रियों की संख्या होती है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चलाए गए बेसिक लाइफ सपोर्ट स्किल प्रोग्राम में 450 ट्रैफिक पुलिसकर्मी, पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मी, एमबीबीएस और नर्सिंग स्टूडेंट को जानकारी दी गई। इस ट्रेनिंग में सीपीआर देना, आंतरिक चोट को कम करने के लिए उठाने का तरीका, सिर में क्लॉटिंग की पहचान करना सहित अन्य की जानकारी देने के साथ मरीज को स्थिर करने के बारे में बताया गया।