PM E-Bus Sewa:अमेरिका से मिली भारत को एक और बड़ी सौगात दिल्ली वालो हो जाओ तैयार अब ख़तम होगा बसों का इंतजार क्योंकि भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने एक कार्यक्रम में कहा कि ई-बसें दुनिया को बदल सकती हैं. साउंडलेस, ईको फ्रेंडली और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में करेगी.
राजधानी दिल्ली (Delhi Pollution) में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है. इस बात को लेकर केंद्र और एनसीटी दिल्ली की सरकार चिंतित भी है. प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए राजधानी में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) को सड़कों पर उतारने की योजना है. केंद्र और राजय सरकार के इस प्रयास के तहत जल्दी ही अमेरिका (America) में बनी 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें (E-Bus) दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती नजर आ सकती है.
भारत में इलेक्ट्रिक बसें को दिल्ली की सड़कों पर उतारने की संभावनाओं और इसमें तेजी लाने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी शिरकत करने के दौरान कहा कि हम जानते हैं कि इलेक्ट्रिक बसें दुनिया को बदल सकती हैं. इलेक्ट्रिक बसें साउंडलेस, स्वच्छ हैं और वे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के हमारे प्रयासों में हमारी मदद करती हैं. यही एक कारण है कि अमेरिकी सरकार भारतीय शहरों की सड़कों पर अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक बसें उतारने के लिए भारत सरकार के साथ काम कर रही है. खास बात यह एरिक गार्सेटी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इलेक्ट्रिक बस में सफरते हुए कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कहा की मेरे लिए भारतीय इलेक्ट्रिक बस में बैठना बहुत रोमांचक था.
दिल्ली को PM ई-बस सेवा का मिलेगा बढ़ावा
कार्यक्रम में शिरकत कर रहे दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की “इलेक्ट्रिक बसें दुनिया बदल सकती हैं” की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता के विस्तार और भुगतान सुरक्षा तंत्र के लिए संयुक्त समर्थन प्रदान करेगी. इससे PM ई-बस सेवा योजना को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना का लक्ष्य 10 हजार ई-बसों को खरीदना है. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बसें शून्य शोर के साथ शून्य कार्बन डाय ऑक्साईड उत्सर्जन करती है. इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में काफी सहायता मिलेगी. हालांकि इसका सबसे ज्यादा लाभ दिल्ली के लोगो को मिलेगा जो एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए बसों का इस्तेमाल करते है