एक तरफ जहा बीजेपी इंडिया गठबंधन में बार बार फुट की बात कह रही है वही दूसरी ओर हाल ही में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में विपक्षी गठबंधन और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। अब ऐसा लग रहा है कि नीतीश के बागी तेवरों से कांग्रेस घबरा गई है। क्योकि पहले के कुछ घटनाओ में इस तेवर के बाद के परिणाम कुछ अलग रहे थे दरअसल खबर आई है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बीती रात टेलीफोन पर बात की है।
जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच विपक्षी गठबंधन को लेकर बातचीत हुई। मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार को विश्वास दिलाया है कि विधानसभा चुनावों के बाद विपक्षी गठबंधन पर बात होगी। बता दें कि बीते गुरुवार को नीतीश कुमार ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक आयोजित कराने में कोई रुचि नहीं ले रही है। यही वजह है कि खरगे द्वारा नीतीश कुमार से टेलीफोन पर बातचीत को नीतीश की नाराजगी दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
नीतीश कुमार ने कांग्रेस से जताई थी नाराजगी
पटना में वामपंथी पार्टी सीपीआई की भाजपा हटाओ-देश बचाओ रैली के दौरान अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा कि सभी विपक्षी नेता एकजुट होकर विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन कांग्रे को इसकी कोई चिंता नहीं है। अभी वह पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में व्यस्त है। जब चुनाव हो जाएंगे तो वह विपक्षी नेताओं को कॉल करेंगे और बैठक कराएंगे लेकिन अभी विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक को लेकर कोई बात नहीं हो रही है। नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन पर आगे बात ना बढ़ने पर नाराजगी जताई।
पटना के इस कार्यक्रम में भाकपा महासचिव डी राजा भी मौजूद रहे। नीतीश की कांग्रेस पार्टी की आलोचना को लेकर जब डी राजा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा पार्टी की रैली में इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के बारे में जो बातें कही गईं, वो सभी साथी दलों के लिए सकारात्मक संदेश है और बिहार सीएम की बातों को इसी रूप में लिया जाना चाहिए। कांग्रेस को इसे सकारात्मक ढंग से लेना चाहिए और उसी के अनुसार काम करना चाहिए.