Hindi Press Day: पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है उसी के उपलक्ष्य में हम हर साल आज के दिन यानि 30 मई को पत्रकारिता दिवस मनाते हैं।
पत्रकारिता अपने आस-पास की घटनाओं को व्यक्तियों तक पहुंचाने को कहते हैं। जैसा कि हर मनुष्य में कुछ न कुछ जानने की जिज्ञासा होती है और वह किसी न किसी माध्यम से कुछ न कुछ जानता है इसी में से एक है पत्रकारिता।
हमारी मातृभाषा हिंदी को आगे बढ़ाने में भी पत्रकरिता ने अहम भूमिका निभाई है, पत्रकारिता ने हिंदी भाषा को एक छोर से दूसरी छोर तक जोड़ने का काम किया है इसीलिए यह हिन्दी पत्रकारिता के नाम से जाना जाता है।
कहते हैं की हर एक पत्रकार अपना कार्य सत्य की कसौटी पर करता है।पत्रकारिता अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में नागरिकों को समाज में आगे बढ़ने में मदद करती है।पत्रकारिता हमारे समाज में उन मुद्दों को उजागर करने का एक शक्तिशाली साधन है, जिन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है या जिन्हें उचित मान्यता नहीं दी जा रही है।
पत्रकारिता एक हमारे कार्यशील लोकतंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो नागरिकों को सूचित करने और बहस को आगे बढ़ाने का काम करती है।
पत्रकारिता के पत्रकार स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक मुद्दों जैसे विषयों के बारे में तथ्यों को उजागर करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं। यह जानकारी बहस को बढ़ावा दे सकती है और नए विचारों और नीतिगत बदलावों के लिए प्रोत्साहन का काम कर सकती है।
इसलिए पत्रकारिता देश के संचालन में अहम भूमिका निभाती है। यह अपना कार्य निष्पक्ष रुप से करती है और देश के नागरिकों के बीच बिना किसी भेद भाव के अपने कार्य में गतिशील रहती है
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