कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां अवतार और आखिरी माना जाता है। ऐसी मान्यता है की कलयुग के अंत में विष्णु भगवान कल्कि अवतार में प्रकट होंगे। हिन्दू ग्रंथो में कहा गया है की जब-जब इस धरती पर पाप और अन्याय बड़ा है तब-तब भगवान विष्णु अलग-अलग अवतार में धरती पर पापियों का नाश किया है।
शास्त्रों में विष्णु के 10 अवतारों का उल्लेख किया गया है। जिसमे उनके वामन अवतार,नरसिंघ अवतार,मत्स्य अवतार,राम अवतार,कृष्ण अवतार,आदि के रूपों में प्रकट हो चुके है। लेकिन कलयुग में उनका अंतिम अवतार आना अभी बाकि है। मान्यता है की जब कलयुग में पाप अपनी चरम पर होगा तब विष्णु भगवान का अंतिम अवतार धरती पर प्रकट होंगे और कलयुग का अंत कर नए युग का आरंभ करेंगे। देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर जब भगवान कल्कि तलवार से दुष्टो का संघार करेंगे तब सतयुग का प्रारम्भ होगा। कल्कि अवतार कलयुग व सतयुग के संध्या में होगा। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का अवतार का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल ग्राम में होगा।
कल्कि पुराण के मुताबिक भगवान विष्णु के कल्कि अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का जन्म एक तपस्वी ब्राह्मण के घर होगा जिसका नाम विष्णुयशा होगा। धार्मिक ग्रन्थ के अग्नि पुराण के 16वे अध्याय में भगवान कल्कि का वर्णन किया गया है जिसमे वह तीर कमान धारण कर सफेद घोड़े पर सवारी करते हुए नज़र आएंगे।