Delhi: राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। 30 जून को मौजूदा ई-वाहन नीति की वैधता समाप्त हो चुकी है। अब दिल्ली में एक जुलाई से पंजीकृत होने वाले नए ई-वाहनों को अब छूट का फायदा नहीं मिल रहा है। नई नीति लागू करने या मौजूदा नीति को आगे बढ़ाने के मसले पर फिलहाल परिवहन विभाग के अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा ई-वाहन नीति पिछले साल 8 अगस्त समाप्त हो चुकी है। उसके बाद से इसे चार बार विस्तार दिया गया। मार्च से तीन माह के लिए 30 जून तक आखिरी बार इस साल विस्तार मिला था। 31 दिसंबर 2023 तक ई-वाहन खरीदने वालों को जो छूट मिली उन्हें इस साल एक जनवरी से छूट की राशि नहीं दी जा सकी है। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों को छूट की राशि नहीं दी जा सकी है। हालांकि इसे ठीक कर लिया गया है। लेकिन मौजूदा तय समय 30 जून को समाप्त हो चुकी नीति के बाद अब ई-वाहन खरीद पर कोई छूट नहीं मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा वाहन नीति को विस्तार दिया जा सकता है, लेकिन वित्तीय लेन-देन लागू होने के कारण कैबिनेट मंजूरी जरूरी है। मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण बिना कैबिनेट के नीति को विस्तार नहीं दिया जा सकता है।
बता दें कि राजधानी में कुल पंजीकृत होने वाले नए वाहनों में 11 फीसदी से अधिक ई-वाहन हैं। इनमें दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे अधिक है। नीति के तहत दो पहिया वाहनों पर 5000 रुपये प्रति किलोवाट (बैट्री क्षमता) के हिसाब से अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट, ई-रिक्शा, ई-ऑटो पर 30 हजार रुपये की छूट दी जाती है।