Delhi: दिल्ली के दक्षिणपुरी में अवैध निर्माण का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने 22.5 गज की जमीन पर 6 मंजिला भवन का निर्माण किया, जिससे आस-पास के घरों में दरारें पड़ गई और लोग अपने घरों को खाली करके किराए पर रहने को मजबूर हो गए। इस घटना ने क्षेत्र में डर और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। इस अवैध भवन के खिलाफ क्षेत्र के लोगों ने साउथ एमसीडी जोन में शिकायत भी की पर की कार्रवाई है हुई। दिल्ली अपटूडेट की टीम द्वारा किये गए कवरेज के बाद प्रशासन सकते में आया और अवैध भवन को पूरी तरह तोड़ने का आदेश जारी किया है।
एक नए भवन के निर्माण से कई लोग हुए बेघर
जो लोग इस क्षेत्र में कई वर्षों से रह रहे हैं, इस अवैध भवन के निर्माण से बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि भवन के निर्माण के दौरान किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया और भवन के निर्माण में ग़लत तरीकों का इस्तेमाल किया गया है। इसे छह मंज़िले नहीं बनाने की बात भी की गई उसके बावजूद भवन निर्माण का कार्य रोका नहीं गया। साउथ दिल्ली एमसीडी जोन में भी शिकायत की गयी पर वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। भवन की ग़लत स्थिति और अवैध निर्माण के कारण उनके घरों में दरारें पड़ गई हैं। कई घरों में तो दीवारें भी ढह गई हैं। आस-पास के मकान के लोग अब अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। परिवार किराए पर घर लेने के लिए मजबूर हैं और आर्थिक रूप से भी बहुत परेशान हैं। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हर जगह से हार मान कर क्षेत्र के लोगों ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में इस केस की सुनवाई शुरू होगी।
एमसीडी ज़ोन को शिकायत:
यहाँ के लोगों के मुताबिक एमसीडी के अधिकारी से पहले से ही सांठ-गाँठ हो रखी है। यही कारण है कि इतनी बार समस्या को लेकर दक्षिण दिल्ली एमसीडी ज़ोन को कई बार शिकायत की थी। उन्होंने भवन के अवैध निर्माण की जानकारी दी और इससे उनके घरों को हो रहे नुकसान के बारे में बताया। लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और भवन का निर्माण जारी रहा। आज भवन की छह मंज़िले पूरी हो गयी है और हमारे घर में हमें खाली करने पड़ गए। हम अपने खुद के मकान को छोड़ कर किराये के कमरों में रह रहे है। एमसीडी वालो का कहना है कि वो दरारों की मरम्मत करा देंगे। पर लोगों का कहना कि सिर्फ दरारे भरने से क्या होगा मकान कमजोर हो गए है। कभी भी गिर जायेंगे। हम अपने परिवार की जान खतरे में क्यों डालें।
हमारी खबर का असर:
जब हमारी टीम ने इस मामले की खबर को किया तो प्रशासन गंभीर रूप से सक्रिय हो गया। अधिकारियों ने मामले की जांच की और पाया कि भवन का निर्माण अवैध है। यह भवन बिना किसी परमिट के बनाया गया था और भवन निर्माण के दौरान ज़रूरी सुरक्षा मानकों का भी पालन नहीं किया गया था।
अवैध भवन का विध्वंस का आदेश:
अधिकारियों ने अब अवैध भवन को ढहाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, अवैध भवन को जल्द ही ढहा दिया जाएगा। इस कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी और उनके घरों को खतरा भी कम होगा। परन्तु सिर्फ घर को ढहाने भर से आस-पास के लोगों के कमजोर घर ठीक नहीं होंगे।
ज़िम्मेदारों का सवाल:
यह घटना दिल्ली में अवैध निर्माण की समस्या को उजागर करती है। अधिकारियों की लापरवाही और बेरुखी के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक अवैध भवन के कारण दूसरे मकान खाली करना पड़ रहा है। जिसकी को भरपाई भी नहीं हो रही। ऐसे अवैध मकान के कारण लोगों की ज़िन्दगी को भी खतरा है। दरारे पड़ने पर लोगों ने मकान खली कर दिया अगर नहीं किया होता तो किसी भी तरह की अनहोनी कभी भी हो सकती थी। यह ज़रूरी है कि अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारी निभाएँ और अवैध निर्माण को रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठाएँ।