सदर में पत्ता कटता देख, बल्लीमारान से किस्मत आजमाएंगे रविंद्र गुप्ता?

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश द्वारा बीते दिनों दिल्ली की सभी विधानसभाओं के संयोजकों में बड़ा बदलाव किया गया है। यह सब आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ही है, संयोजक पदों पर नियुक्तियों में कई भावी उम्मीदवारों ने अपने-अपने चहेतों को संयोजक बनवाने में काफी जोर लगाया था, ताकि संयोजक के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र मे अपने लिए कुछ माहौल बनवाया जा सके।
आपको बता दे बल्लीमारान से चांदनी चौक जिला के पूर्व महामंत्री हरिकिशन गुप्ता को संयोजक बनाया गया है, सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक रविंद्र गुप्ता ने हरीकिशन गुप्ता को संयोजक बनवाने मे अहम भूमिका निभाई है क्योंकि हरीकिशन गुप्ता काफी समय से पद मुक्त बैठे थे और पार्टी की किसी भी तरह की जिम्मेदारी उनके पास नहीं थी ऐसे मे इस दायित्व ने हरीकिशन गुप्ता के लिए एक संजीवनी का काम तो किया ही है, वही रवींद्र गुप्ता ने भी एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया कि एक हरीकिशन गुप्ता को दोबारा पार्टी दायित्व दिलवा कर उन्हे एक बार फिर से अपने एहसानों के तले दबा लिया वही बल्लीमारान मे अपने लिए चुनावी मैदान में माहौल तैयार करने का रास्ता भी बना लिया है।
क्युकी जिस तरह से रविद्र गुप्ता का विरोध सदर विधानसभा मे हो रहा है उसे देखकर रविंद्र गुप्ता को आभास हो गया होगा कि अब उनकी दाल सदर विधानसभा में शायद ही गले, ऐसे में उन्होंने अपने हाथ में एक और विधानसभा का रास्ता बनाने के मकसद से ही हरिकिशन गुप्ता को विधानसभा का संयोजक बनवाया ताकि बल्लीमारान मे हरिकिशन गुप्ता उनके लिए चुनावी मैदान में माहौल तैयार कर सके और बल्लीमारान से वो चुनाव लड़ सके।
यदि बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में भाजपा संगठन की बात की जाए तो इस क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं का अच्छा खासा गढ़ है और यहां भाजपा का नेटवर्क भी मजबूत है। किंतु एक मजबूत-सशक्त नेतृत्व के अभाव में कार्यकर्ताओं में बिखराव और गुटबाजी भी किसी से छुपी नहीं है।
ऐसे में रविंद्र गुप्ता जैसा अनुभवी नेता इस क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को संगठित कर पार्टी की कमान संभाल ले तो इस क्षेत्र में बिखरे हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मे कामयाब हो जाते है तो निश्चित तौर पर इस क्षेत्र मे भी कमल खिल सकता हैं और रविंद्र गुप्ता का विधायक बनने का सपना भी साकार हो सकता है।

Narender Dhawan
Author: Narender Dhawan

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