दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर को दिल्ली के सत्ता संग्राम में उतार दिया है। वहीं, इसमे बड़ी तैयारी पूर्वांचल से संबध रखने वाले मतदाताओं के सहारे चुनाव जीतने की है। जाट समुदाय के मतदाताओं को भी इसमें मददगार बनाया है। आम आदमी पार्टी की सियासी सेना के 19 सेनानी इन्हीं दो तबकों से संबधित हैं। वहीं, 10 महिला सेनानी आधी आबादी को साधने के लिए उतारी गई हैं। पार्टी ने पांच मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारे हैं। दसअसल, दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचली मतदाता हैं। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 40 फीसदी वोट शेयर इसी समूह का है। वहीं, विधान सभा चुनावों के एलान से पहले पार्टी ने अपने सभी सियासी मोहरों को मैदान में उतार दिया है।
आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि अगर तय समय पर फरवरी में चुनाव होते हैं तो आम आदमी पार्टीओं के उम्मीदवारों को अपने प्रचार अभियान को एक धार देने में लगभग दो महीने का समय मिल जाएगा। इस नज़र से पार्टी विपक्षी भाजपा व कांग्रेस से अभी तक आगे रही है। दो बार पांच साल और एक बार 49 दिन के लिए सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सत्ता विरोधी लहर के असर कम करने के लिए बड़े बदलाव भी किए हैं। वहीं, चौथी बार दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने 20 विधायकों का टिकट काट दिया है। वहीं, दो की सीट बदली गई है।
इसके अलावा चार ने पार्टी बदल ली है। बाकी सीटों पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। पहली सूची आने के बाद ही आम आदमी पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उन्हीं सीटों से टिकट काटे गए हैं, जहां पर विधायकों को फीडबैक खराब रहें है। स्थानिय तौर पर सर्वे के आधार पर इसकी पहचान की गई है। वहीं, कस्तूरबा नगर, नरेला, तिमारपुर, उत्तम नगर, आदर्श नगर, मुंडका, मादीपुर, जनकपुरी, बिजवासन, कृष्णा नगर, सीलमपुर, चांदनी चौक, पालम, जंगपुरा, देवली, त्रिलोकपुरी, शाहदरा, मुस्तफाबाद, किराड़ी, मटियाला। वहीं, इस विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के पुर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा आम आदमी पार्टी ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत से कदम रख दिया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम जनता के बीच जा रहे हैं।