कैसा था पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सफर, पढ़े पूरी कहानी

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह का बीते रात निधन हो गया। 92 वर्ष के मनमोहन सिंह ने दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांसे ली। दरअसल, अनाचक उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें तुरंत एम्स के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। वहीं, उनके निधन के बाद कई नेताओं ने एक्स पर पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी।

आपको बता दे, मनमोहन सिंह देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे है, जो सबसे ज्यादा शिक्षित थे। साथ ही एक प्रखर अर्थशास्त्री थे होने के साथ प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने वाले पहले अल्पसंख्यक भी थे। वहीं, जब वर्ष 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में भारत में उदारीकरण की शुरूआत हुई थी, तब उस समय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ही थे। जिसके बाद मनमोहन ने साल 2004 से साल 2014 तक केंद्र में यूपीए की सरकार का नेतृत्व भी किया। मनमोहन 10 साल प्रधानमंत्री रहे। आर्थिक मामलों पर मनमोहन सिंह की समझ के कायल बराक ओबामा जैसे तत्कालीन विश्व नेता रह चुके है।

मनमोहन ने वर्ष 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की शिक्षा को पूरा किया। जिसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। मनमोहन ने वर्ष 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की थी। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल किया। मनमोहन ने अपनी किताब ‘भारत में निर्यात और आत्मनिर्भरता और विकास की संभावनाएं’  में भारत में निर्यात के आधारित व्यापार नीति की आलोचना की भी थी। बाद में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में काम किया जो उनकी अकादमिक विशेषता को दिखाता है। इस दौरान वह कुछ सालों के लिए यूएनसीटीएडी सचिवालय के लिए भी काम कर चुके है।

इसी आधार पर मनमोहन को वर्ष 1987 और वर्ष 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया था। एम्स के मीडिया सेल की प्रभारी व प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वहीं, उम्र से संबंधित चिकित्सा स्थितियों के लिए उनका इलाज चल रहा था।

मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर वर्ष 1991 में शुरू हुआ जब मनमोहन पहली बार राज्यसभा सदस्य बने। वह अक्टूबर, 1991 से 14 जून, साल 2019 तक लगातार पांच बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके है। जिसके बाद वह 20 अगस्त, 2019 से 3 अप्रैल, 2024 तक फिर से राज्यसभा के सदस्य बने। वहीं, वर्ष 1985 में राजीव गांधी की सरकार में मनमोहन सिंह को योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। मनमोहन ने 5 साल तक ये पद संभाला।  वर्ष 1990 में वह  प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बने। वह  वर्ष 1982 से 1985 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर थे। इसके सबके अलावा मनमोहन साल 1966-1969 के बीच संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए आर्थिक मामलों के अधिकारी के रूप में कार्य कर चुके है।

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Author: Kanchan

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