उमेश पाल हत्याकांड में गुरुवार के दिन दो बड़ी घटनाएं हुईं। पहली ये कि उमेश पाल और उनके दोनों गनर्स पर गोली चलाने वाला आरोपी असद अहमद और उसका साथी गुलाम एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। असद माफिया अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा था। वहीं, गुलाम अतीक का बेहद करीबी शूटर था।
दूसरी खबर अतीक और उसके भाई अशरफ से जुड़ी है। उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के इन दोनों आरोपियों को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पूरा मामला क्या है
2005 में हुई विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे। 24 फरवरी शुक्रवार को करीब साढ़े चार बजे उमेश कार से वापस सुलेमसराय, धूमनगंज स्थित अपने घर के लिए चल दिए। जैसे ही गेट पर गाड़ी रोककर उमेश उतरे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। उमेश गोली लगने से गिरने के बाद उठकर घर के भीतर भागे। साथ में उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाही भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर भागे। लेकिन, हमलावरों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए घर के अंदर घुसकर स्वचालित हथियारों से लगातार गोलियां बरसाईं। इस दौरान बदमाशों ने बम भी चलाए। बम और गोलियों की बौछार से इलाका थर्रा गया। हमलावर वहां से फरार हो गए। उमेश पाल, सिपाही संदीप और राघवेंद्र लहूलुहान पड़े थे।
तीनों को एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने करीब एक घंटे बाद उमेश पाल को मृत घोषित कर दिया गया। आजमगढ़ निवासी सुरक्षागार्ड संदीप निषाद की भी अस्पताल में मृत्यु हो गई। शुक्रवार रात में ही पुलिस ने माफिया अतीक के दो नाबालिग बेटों को घर से हिरासत में लिया।
हत्याकांड के अगले दिन 25 फरवरी को माफिया अतीक के साथ ही कई के शूटरों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, बरेली जेल में बंद भाई पूर्व विधायक अशरफ, मोहम्मद मुस्लिम, गुलाम, अतीक के बेटों और अतीक के अन्य सहयोगियों के खिलाफ साजिश, हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में मामला दर्ज कराया। तहरीर पर पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी, 506, 34, विस्फोटक अधिनियम 1908 (3), आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 (7) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
हत्याकांड में पहला नामजद आरोपी माफिया अतीक अहमद है। अतीक पहले से ही अन्य मामलों में गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। वहीं, अतीक का भाई अशरफ भी घटना से पहले से बरेली जेल में बंद है। प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन घटना के बाद से ही फरार है और अब तक उसका कोई सुराग पुलिस के हाथों नहीं लग सका। शाइस्ता के साथ ही मोहम्मद मुस्लिम का नाम भी एफआईआर में था। ये भी फरार है। वारदात में शामिल रहा अतीक का बेटा असद भी डेढ़ महीने से फरार चल रहा था। हालांकि, गुरुवार को उसे यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। असद के साथ हत्याकांड के अन्य आरोपी गुलाम को भी पुलिस ने मार गिराया। अब STF की टीम जो है गुड्डू मुस्लिम और बाकी अन्य लोगो की तलाश कर रही है, हालंकि मुठभेढ के समय असद ने 14 राउंड फायरिंग की थी.
UP STF टीम को एनकाउंटर के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व डिप्टी CM केशव प्रशाद मौर्या ने भी बधाई दी.
हालांकि की अब मायावती अखिलेश यादव से लेकर ओवैसी तक यानि की तमाम विपक्षही पार्टी ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे है और इसे सरकार की नाकामी बता रहे है
कई नेताओ ने इसको लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग भी कर रहे है