दिल्ली में 1 जुलाई से 10 से 15 पुरानी गाड़ियों को सीज करने और तेल न देने का अभियान ठंडे बस्ते में पड़ने का संकेत दिख रहा है। दिल्ली सरकार ने पुरानी गाड़ियों को सीज करने के अभियान पर रोक लगा दी है, जिससे पुरानी कार वालों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पत्र लिखकर कहा है कि वाहनों को सीज करने के लिए बनाया गया सिस्टम अभी ठीक नहीं है, खासकर पेट्रोल पंपों पर लगे कैमरे सक्षम नहीं हैं।
नए नियम और शर्तें
दिल्ली सरकार ने सुझाव दिया है कि पुरानी गाड़ियों को सीज करने का नियम पूरे एनसीआर में एक साथ लागू होना चाहिए, न कि केवल दिल्ली में। सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि गाड़ियों को उनकी उम्र के बजाय प्रदूषण स्तर के आधार पर प्रतिबंधित किया जाए। पड़ोसी राज्यों के साथ पुरानी गाड़ियों को सीज करने का नियम बनेगा और एक नवंबर से जब पड़ोसी राज्यों में ऐसे नियम लगेंगे, तब दिल्ली में भी लागू होंगे।
जब्त गाड़ियों की वापसी
जब्त की गई गाड़ियां वापस मिल सकती हैं, लेकिन इसके लिए वाहन मालिकों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। वाहन मालिकों को एक एफिडेविट देना होगा जिसमें वे बताएंगे कि वे अपनी जब्त गाड़ी को दिल्ली से बाहर दूसरे राज्य में ले जाएंगे। इसके अलावा, 10 हजार रुपये का चालान कटवाना होगा और वाहन को सीज करने में ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा लगा खर्च भी देना होगा। जब्त गाड़ियां वापस पाने के बाद भी वे दिल्ली में नहीं चल सकेंगी।
सरकार के फैसले के पीछे की वजह
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन पुरानी गाड़ियों को सीज करने के लिए बनाया गया सिस्टम अभी ठीक नहीं है। सरकार ने यह भी कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बनाकर इस नियम को लागू करना होगा।