मंगल ग्रह का रंग लाल क्यों होता है ? जानिए

सौरमंडल का चौथा ग्रह, मंगल जो आसमान में एक लाल सितारे की तरह दिखता है मंगल ग्रह पृथ्वी से आकार में छोटा है और इसका व्यास 4217 मील है। यह इसे हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह बनाता है।इसे अक्सर “लाल ग्रह” के नाम से जाना जाता है लेकिन क्या आप जानते है की मंगल ग्रह लाल क्यों दिखाई देता है दरअसल मंगल की सतह का लाल रंग मुख्य रूप से उसके मिट्टी में मौजूद आयरन ऑक्साइड (लोहे का ऑक्साइड) के कारण होता है. आयरन ऑक्साइड को हम जंग के रूप में भी जानते हैं. जब लोहा ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो जंग लग जाता है, जिससे सतह का रंग लाल हो जाता है. मंगल की सतह पर व्यापक रूप से फैले हुए आयरन ऑक्साइड ने पूरे ग्रह को लाल कर दिया है .

अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी (NASA ) के मुताबिक मंगल ग्रह की चट्टानों में आयन अधिक पाया जाता है ,केमिकल रिएक्शन के कारण इसका रंग लाल है। जब मिट्टी में मौजूद आयन ऑक्सीडाइज होते है इस कारण मिटटी और चट्टानें लाल हो जाती है।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर मगंल ग्रह पर आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति क्यों है. तो बता दें मंगल ग्रह का वातावरण पृथ्वी के वातावरण से बहुत पतला है और इसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड गैस मौजूद है.वही वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम है.इसके अलावा पिछले कुछ समय में मंगल पर काफी सारे ज्वालामुखी फटे है. इन ज्वालामुखियों से निकलने वाला लावा में लोहा मौजूद था. जब यह लावा हवा के संपर्क में आया तो उसमें मौजूद लोहा ऑक्सीडाइज होकर आयरन ऑक्साइड में बदल गया.साथ ही साथ मंगल ग्रह पर अक्सर बड़े धूल के तूफान आते रहते हैं. ये तूफान मंगल की सतह पर मौजूद मिट्टी को उड़ाकर पूरे ग्रह में फैलाते है इस तरह मंगल की सतह पर आयरन ऑक्साइड का बिखराव हो जाता है और मंगल ग्रह लाल लगने लगता है।

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