इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय परिसर में इंटर-कॉलेज संगीत प्रतियोगिता (फोक ऑर्केस्ट्रा) के पहले संस्करण का आयोजन किया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय की संस्कृतिक परिषद के तत्त्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल नौ टीमों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे दिल्ली विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के चेयरपर्सन एवं पीआरओ अनूप लाठर ने कहा कि फोक ऑर्केस्ट्रा स्थानीय संस्कृति का वाहक है। उन्होने कहा कि हर समाज, हर सभ्यता व हर देश तथा प्रदेश अथवा क्षेत्र के अपने कुछ लोक वाद्य यंत्र होते हैं। कहीं पर उन्हे सहेजा गया तो कहीं पर बिसार दिया गया। लेकिन आज भारत में उन्हें रचनात्मक सुमेल के साथ फोक ऑर्केस्ट्रा के रूप में सहेजा जा रहा है जोकि बहुत ही सराहनीय कदम है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित दिल्ली विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के डीन और पंजाबी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रविंदर कुमार ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय को बधाई दी। प्रतियोगिता के समापन पर विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण-पत्र प्रदान किए। पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता कार्यकारी प्राचार्या प्रो. रेखा सेठी ने की। प्रतियोगिता में इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, गुरु तेज बहादुर खालसा महाविद्यालय एवं लक्ष्मीबाई महाविद्यालय को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान मिला। प्रतियोगिता में हंसराज कॉलेज, जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, रामजस कॉलेज, आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स और अदिति महाविद्यालय की टीमों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता के लिए निर्णायक मंडल के रूप में ओंकार प्रसन्ना, चरण जीत सिंह और अरविंदर सिंह उपस्थित रहे। संस्कृति परिषद की संचालन समिति कि सदस्य डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा भी पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहीं।
अनूप लाठर को कहा जाता है ‘फादर ऑफ फोक ऑर्केस्ट्रा’
गौरतलब है कि फोक ऑर्केस्ट्रा की नींव 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक पद पर रहते हुए अनूप लाठर ने ही रखी थी। उन्हें फादर ऑफ फोक ऑर्केस्ट्रा भी कहा जाता है। उनके प्रयासों से देश में पहली बार हरियाणवी ऑर्केस्ट्रा स्थापित हुआ और उसे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा समारोहों में प्रतियोगिता के रूप में शामिल किया गया। उनके प्रयासों से ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का अनुसरण करते हुए हरियाणा प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों ने भी अपने युवा समारोहों में हरियाणवी अरकैस्ट्रा को एक प्रतियोगिता के रूप में शामिल किया। लाठर के प्रयासों से ही एआईयू ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में इसे शामिल किया और देश के अन्य प्रान्तों ने भी अपने-अपने फोक ऑर्केस्ट्रा तैयार किए।