इस्लामाबाद। घर का जब कोई आपके साथ बुरा करे तो आपको बहुत बुरा लगता व आपको उससे खतरा भी होता है इस उद्धरण से पाकिस्तान से ज़्यादा अच्छे से जानेगा। इस वाक्य का तात्पर्य है की अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद पाकिस्तान के लिए ही तालिबान खतरा बनता जा रहा है। पाकिस्तान में 2023 को खुनी महीना कहा जा रहा है क्योकि जनवरी में ही पाकिस्तान में 50 से ज़्यादा आतंकी हमलो को अंजाम दिया गया। वर्ष 2022 में पाकिस्तान में 512 आतंकी हमलो को अंजाम दिया गया जिसके चलते पाकिस्तान को भारी नुक्सान हुआ, रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों दोनों को लक्षित करते हुए पाकिस्तान में 512 तक आतंकवादी कार्य (प्रति माह औसतन 43 हमले) किए गए। इन हमलों में 980 लोगों की मौत हुई और 750 घायल हुए। आपको बता दे कि अधिकांश हताहत खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र और बलूचिस्तान में हुआ है।
खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र का पाकिस्तान में सभी आतंकवादी गतिविधियों में 64 प्रतिशत हिस्सा है, इसके बाद बलूचिस्तान में 26 प्रतिशत, सिंध में 5.8 प्रतिशत और पंजाब में 2.8 प्रतिशत है। 2022 में मृत्यु दर में 59 प्रतिशत की वृद्धि (2021 में 399 की तुलना में 633 मृत्यु) के साथ, खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में हिंसा का समग्र स्तर तेजी से बढ़ा है। बलूचिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में 218 घायलों के साथ 254 लोगों की मौत हुई थी। साथ ही नीति निर्माता और सुरक्षा प्रतिष्ठान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूच नेशनलिस्ट आर्मी (बीएनए), सिंधुदेश पीपुल्स आर्मी (एसपीए) जैसे प्रतिबंधित संगठनों द्वारा देश में बढ़ती असुरक्षा से अवगत हैं। पाकिस्तान में आतंक का सबसे बड़ा कारन बलोचिस्तान और TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को बताया जा रहा है जो लगातार पाकिस्तान को अपने आज़ादी की मांग करता है।
पाकिस्तान को भस्मासुर कहा जाता है क्योंकि पाकिस्तान के खुद की गलतियां व खुद के फैसले की वजह से बर्बादी के पथ पर जाता दिख रहा है। अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद सबसे ज़्यादा खतरा पाकिस्तान पर आ पड़ा है। अमेरिका जो अफगानी फाॅर्स को अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आतंक को रोकने के लिए अपनी फाॅर्स भेजती थी, जिसके चलते अफ़ग़ानिस्तान तालिबान को पीछे धकेले रखती थी। परन्तु कुछ समय बाद जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर अपना कब्ज़ा बनाना शुरू कर दिया तब अमेरिका ने अपने फाॅर्स को वापस बुला लिया और अपने शस्त्र वही छोड़ दिए जिससे न सर्फ पाकिस्तान बल्कि भारत पर भी खतरा मंडरा रहा है।
पाकिस्तान में खाने-पिने से लेकर बुनियादी चीज़ों के दाम आसमान छु रहे है जिसकी ज़िम्मेदार खुद पाकिस्तान सरकार है। लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, लोग अपने ही लोगों से सामान लूट रहे है, जिसके कारण देश में आपराधिक गतिविधियों में भी भारी वृद्धि हुई है। साप्ताहिक तौर पर पेट्रोल की कीमतों में 8.82 फीसदी, पांच लीटर खाना पकाने के तेल में 8.65 फीसदी, एक किलो घी में 8.02 फीसदी, मुर्गे के मांस की कीमत में 7.49 फीसदी और डीजल की कीमतों में 6.49 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्याज की कीमत में 433.44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, इसके बाद चिकन मीट का नंबर आता है, जिसकी कीमत सालाना आधार पर 101.86 फीसदी बढ़ी है। साल दर साल आधार पर डीजल 81.36 फीसदी और अंडे 81.22 फीसदी महंगे हुए। 4,176 रुपये से अधिक मासिक आय वाले समूह के लिए महंगाई की दर 39.41 फीसदी रही है।
पाकिस्तान सरकार ने मिनी बजट बिल के जरिए 170 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने के लिए नए कर लगाकर लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला। अभूतपूर्व मुद्रास्फीति ने पाकिस्तान के हर घर पर भारी असर डाला है। लोगों को ज़्यादा चाय पिने को मना किया जा रहा है तथा घर में कम बिजली इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। साथ ही, लोगो को घर में खाने का सामान तक लेने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत का नाम लेते हुए कहा कि भारत हमारे सामने तरक्की करते हुए जा रहा है और हम और पीछे जाते जा रहे हैं, जिसके बाद पाकिस्तान में सियासी घमासान शुरू हो गया। इमरान खान ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया जिसमें कहा कि सरकार सोच रही है कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो देश सो जाएगा। “बाहर आओ, और उन्हें गलत साबित करो,” जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस उन्हें पकड़ने गिरफ्तार करने के लिए लाहौर में ज़मान पार्क निवास पहुंचे। उन्होंने बाद में एक और वीडियो पोस्ट करते हुए कहा की “वे सोचते हैं कि मेरे गिरफ्तार होने के बाद देश सो जाएगा। आपको उन्हें गलत साबित करना होगा।”
पिछले साल सत्ता से बेदखल हुए खान ने कहा कि सभी को अपने अधिकारों और ‘हकीकी आजादी’ के लिए अपने घरों से बाहर आना चाहिए। पाकिस्तान की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है और देश की वर्तमान स्थिति की स्पष्ट जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान सरकार स्वयं है।