नई दिल्ली। देश की महिला पहलवानों ने एक बार फिर दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बार फिर धरने पर बैठी हुई है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट भी 7 महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। कोर्ट ने कहा कि पहलवानों ने याचिका में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पर विचार किए जाने की जरूरत है और अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
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गौरतलब है कि महिला रेसलरों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए है। सीजीआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं करने को लेकर दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 7 महिला शिकायतकर्ताओं के नाम ज्यूडिशियल रिकॉर्ड से हटाने के लिए कहा, ताकि इनकी पहचान सामने ना आए।
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इस बीच, केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओवरसाइट कमेटी की मेंबर बबीता फोगाट ने कहा कि जांच ठीक से नहीं हुई, मुझे रिपोर्ट पढ़ने तक नहीं दी। बबीता ने कहा कि सभी की सहमति के साथ रिपोर्ट नहीं बनी है। जांच रिपोर्ट पढ़ते वक्त मेरे हाथ से छीन ली गई थी। साई निदेशक और जांच कमेटी में शामिल राधिका श्रीमन ने मेरे साथ बदतमीजी भी की थी। मेरे कई बिंदुओं को दरकिनार किया गया। मैंने अपनी आपत्ति उस रिपोर्ट में दर्ज करवाई है।
वहीं विनेश फोगाट ने कहा कि, मैं आपको 100 बताऊं, 200 बताऊं, 500 बताऊं, 700 बताऊं, 1000 बताऊं, जितनी भी बताऊं मुझे तो कम लगती है। क्योंकि 12 साल से हमने इसका अत्याचार देखा है कि कितना हुआ है। कोई एक लड़की ही कुश्ती में इसने ऐसी छोड़ी होगी, जिसके साथ इसने बदतमीजी या सेक्शुअल हैरेसमेंट करने की कोशिश न की हो।