नई दिल्ली। दिल्ली के अहिल्या बाई नर्सिंग कॉलेज की वॉर्डन ने चोरी के शक में 2 छात्राओं के कपड़े उतरवाकर जांच की। मामला मंगलवार, 2 मई का बताया जा रहा है। पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को फोन करके इसके बारे में बताया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जीरो एफआईआर दर्ज की, जिसे बाद में तिलक मार्ग पुलिस को भेजा जाएगा।
उधर, कॉलेज ने मामले की जांच के लिए प्रिंसिपल समेत सीनियर टीचर की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। साथ ही, वॉर्डन को हॉस्टल से हटा दिया गया है। अहिल्याबाई कॉलेज ऑफ नर्सिंग में नर्सिंग फाइनल ईयर की स्टूडेंट्स वॉर्डन के साथ मंडी हाउस में एक इवेंट में गई थीं। यहां वार्डन ने देखा कि उसके बैग से 8000 रुपए गायब थे। उसे इन दोनों छात्राओं पर चोरी का शक हुआ।
वहां से लौटकर वॉर्डन ने दूसरी स्टूडेंटस की मदद से दोनों छात्राओं के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली, लेकिन उनके पास से कोई पैसा नहीं मिला। मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे छात्राओं के उत्पीड़न और कपड़े उतारने की घटना से जुड़ी एक पीसीआर कॉल पुलिस के पास पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। घटना के बाद स्टूडेंट्स के परिजन हॉस्टल पहुंचे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से शिकायत वॉर्डन की शिकायत की। पुलिस ने बताया कि लड़कियों के परिजनों ने आईपी एस्टेट पुलिस थाने में लड़कियों के कपड़े उतारे जाने की शिकायत भी दर्ज कराई।
आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा-154 के तहत पुलिस के पास जीरो एफआईआर दर्ज करने की जिम्मेदारी है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति या पीड़ित किसी थाने में जुर्म की शिकायत या सूचना देता है, लेकिन वह इलाका उस थाने के अधीन नहीं आता तो भी वह एफआईआर दर्ज कर सकता है। ऐसा अभी तक महिलाओं से रेप के मामलों में हो रहा था।