पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान चित्तौड़गढ़ निवासी पुष्कर जाट, विशाल टांक और नितेश माली के रूप में हुई है। आरोपी क्रिप्टो करंसी में निवेश करने पर अधिक मुनाफा होने का झांसा देकर रकम ठगते थे।
पूर्वी जिला के साइबर थाना पुलिस ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में छापेमारी कर साइबर ठगों के एक गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान चित्तौड़गढ़ निवासी पुष्कर जाट, विशाल टांक और नितेश माली के रूप में हुई है। आरोपी क्रिप्टो करंसी में निवेश करने पर अधिक मुनाफा होने का झांसा देकर रकम ठगते थे।
पुलिस ने इनके पास से पांच मोबाइल, तीन बैंक अकाउंट किट, चेकबुक व डेबिट कार्ड के अलावा एक बैंक खाते में 20 लाख रुपये फ्रीज किए हैं। आरोपियों का गैंग चीन, इंडोनेशिया और नेपाल में बैठे विदेशी ठगों को बैंक खाते चालू करके सौंप देते थे। इसके बदले में उन्हें मोटी रकम के साथ कमीशन भी मिलता था। आरोपियों के चार-पांच बैंक खातों में करोड़ों रुपये के लेन-देन का पता चला है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त अमरुथा गूगूलोथ ने बताया कि 21 अप्रैल को मयूर विहार निवासी नीति तिवारी नामक एक युवती ने साइबर थाने में 7.80 लाख रुपये ठगी की एक शिकायत दी थी। पीड़िता ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। उसमें वर्क फ्रॉम होम की बात कही गई और गूगल पर विभिन्न होटलों की समीक्षा करने का काम दिया गया।
पीड़िता आरोपियों के झांसे में आ गई। कुछ दिनों तक ठगों ने नीति को समीक्षा करने पर रुपये भेजे। भरोसा जीतने के बाद पीड़िता को टेलीग्राम एप से जोड़ लिया। कहा गया कि यदि वह क्रिप्टो में निवेश करती है तो उसे अधिक मुनाफा होगा। पीड़िता ने एपीके नाम के एक एप के जरिए क्रिप्टो में 7.80 लाख रुपये का निवेश कर दिया। बाद में पीड़िता को टेलीग्राम ब्लॉक कर दिया गया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।
जांच के लिए एसीपी केपी मलिक, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल यादव, एसआई तलविंदर सिंह व अन्यों की टीम को लगाया गया। पुलिस ने उन बैंक खातों की पड़ताल की, जिनमें रकम ट्रांसफर हुई थी। जांच के दौरान चित्तौड़गढ़ में जितेंद्र राठौर नाम के व्यक्ति के बैंक खाते का पता चला। पुलिस उस तक पहुंची। उसने बताया कि उसने अपना खाता किराये पर पुष्कर नामक व्यक्ति को दिया हुआ है। उसकी निशानदेही पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोच लिया।
क्रिप्टो करेंसी में रकम बदलकर अपने देश ले जा रहे विदेशी ठग
पुलिस की गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों ने जो खुलासे किए हैं, उससे पुलिस अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं। आरोपियों ने बताया कि चीन, इंडोनेशिया और नेपाल व दूसरे देशों में बैठे विदेशी नागरिक भारतीय नागरिकों की गाढ़ी कमाई को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर अपने देश ले जा रहे हैं। भारत में बैठे इनके सहयोगियों का काम बस अकाउंट खुलवाकर उसका संचालन विदेशियों को सौंपने भर का है। विदेशी एक अकाउंट के बदले गैंग के लोगों को एक लाख रुपये देने के अलावा ठगी की रकम का एक फीसदी हिस्सा भी देते हैं। शर्त बस यह होती है कि खाता चालू होना चाहिए। खाते में लेनदेन की एक दिन की लिमिट एक करोड़ होनी चाहिए।
देश के कई शहरों में गैंग के सदस्य चालू खातों का इंतजाम कर इनमें नेट बैंकिंग एक्टिवेट करवाकर आरोपियों को दे देते हैं। इसके अलावा चेकबुक व खाते की दूसरी चीजे भी सौंप दी जाती हैं। मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि आरोपी के एक खाते से कुछ दिनों में साढ़े तीन करोड़ के लेनदेन का पता चला है। इस खाते में 10 हजार से ज्यादा की रकम भेजी और निकाली गई है। बाकी खातों की पड़ताल करने पर उनमें भी करोड़ों के लेनदेन का पता चला है। पुलिस ने इस तरह की ठगी के शिकार देशभर के लोगों से अपील की है कि वे पुलिस से संपर्क करें। शुरुआती जांच के बाद इसी तरह ठगी के कई मामले सामने आ गए हैं।
कैसे करते थे काम…
छानबीन में पता चला कि फोटोग्राफी का काम करने वाला नितेश माली बैंक खातों का इंतजाम करता है। वह इन खातों को आगे विशाल टांक को सौंप देता है। विशाल बीसीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। वह नितेश से खाते लेने के बाद आरोपी पुष्कर जाट को सौंप देता है। पुष्कर उन खातों का ब्यौरा विदेशियों को सौंप देता है। उसके परिवार का ट्रैक्टर के स्पेयर पार्ट्स बेचने का काम है।