World No-Tobacco Day-देश में तंबाकू के सेवन से हर साल 13 लाख लोग गंवाते हैं जान, क्या है इस साल की थीम?

आज हर जगह आसानी से मिलने वाला तंबाकू लाखों लोगों की जान ले रहा है,जी हाँ 13 लाख लोग हर साल अपनी जान तंबाकू की वजह से गवाते है।

 

Poem on Anti Tobacco Day in Hindi – विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कविता – 31st  May World No Tobacco Day Poem in Hindi – Hindi Jaankaari

कब मनाते है ?
हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह तारीख अपने आप में काफी खास है, क्योंकि इस बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू मुक्त युवा ‘थीम’ के आधार पर 31 मई को 60 दिनों का एक अखिल भारतीय अभियान शुरू करने वाला है। इसके तहत युवाओं में तंबाकू के सेवन की रोकथाम और इसकी लत छोड़ने में सहयोग करने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया जाएगा।

क्या है इतिहास ?
तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1987 में तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया। जिसके बाद साल 1988 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस अप्रैल माह में मनाया गया।

वर्ल्ड नो तंबाकू डे का महत्व ?
इस दिन सबको तंबाकू से होने वाले नुकसानों व बिमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है। तंबाकू का सेवन करने वाले हर व्यक्ति को यह याद दिलाया जाता है की इसका सेवन करने से फेफड़े और मुँह का कैंसर जैसी बिमारियों की चपेट में आ सकते है। उन्हें जागरूक किया जाता है ताकि वो तंबाकू से परहेज करे।

हर साल तंबाकू से कितनी हो रही है मौतें?
ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज स्टडी के अनुमान के मुताबिक, 2019 में भारत में धूम्रपान और अन्य व्यक्तियों द्वारा धूम्रपान किए जाने के दौरान उसके धुएं की जद में आने से 12 लाख मौतें हुईं। हाल में डब्ल्यूएचओ ने अनुमान लगाया,

भारत में तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल 13.5 लाख लोगों की मौतें होती हैं।

क्या है विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम?
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में इस बार की थीम क्या है? इसका भी जिक्र किया गया है। बता दें कि इस साल के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ‘हमें भोजन की जरूरत है, तंबाकू की नहीं’ है। बीते साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2022 की थीम ‘पर्यावरण की रक्षा थी’।

जरूरी और सोचने वाली बात
एक दशक पहले तक अस्पताल में तंबाकू के कारण कैंसर से पीड़ित होकर आने वाले मरीजों की उम्र करीब 40 साल थी, लेकिन अब उम्र घटकर 30 साल के करीब रह गई है। इसका खुलासा दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के आंकड़ों से हुआ है। डॉक्टरों ने आशंका जाहिर की है कि तंबाकू अगर अभी की तरह आसानी से मिलता रहा तो औसत उम्र में और भी कमी आएगी। यह घटकर 20 साल तक पहुंच सकती है। इससे स्वास्थ्य पर खर्च तो बढ़ेगा, साथ ही परिवार की समस्याएं भी बढ़ेगी।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस की बड़ी बातें:

  • भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश है।
  • विश्व स्तर पर तंबाकू के सेवन की वजह से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है।
  • विश्वभर में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हालांकि, इसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम इत्यादि शामिल है।
  • भारत सरकार ने साल 2007 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य जागरूक करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, कोप्टा के प्रावधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना इत्यादि।

 

 

Leave a Comment