सोशल मीडिया के कारण गैंगस्टर्स से प्रभावित हो रहे है किशोर

 

हथियारों का शौक व परिवार से दूरी के कारण गैंगस्टर से किशोर प्रभावित हो रहे हैं। किशोर सोशल मीडिया पर गैंगस्टर के हैंडलर से संपर्क करते हैं। इसके बाद गिरोह का ठप्पा व हथियार मिलते ही किशोर गली-मोहल्ले व दोस्तों के बीच दादागिरी दिखाना शुरू कर देते हैं।

गैंगस्टर व उनके हैंडलर शुरुआत में किशोरों को मौजमस्ती करवाते हैं और ऐशोआराम की जिंदगी का झूठा सपना दिखाते हैं। फिर ये देखते हैं कि किशोर गिरोह के लिए उपयोगी है या नहीं। इसके लिए ये वारदात का ट्रायल करवाते हैं। किशोरों का इस्तेमाल कर करोड़ों कमाकर कुछ हजार रुपये देकर खुश कर देते हैं।

हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में यह खुलासा हुआ है। ये बात भी सामने आई है कि हाल ही में लारेंस बिश्रोई-गोल्डी बराड़ गिरोह से कई राज्यों के 50 से ज्यादा कम उम्र के किशोर जुड़ चुके हैं।

दरअसल, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में तैनात एसीपी उमेश बड़थ्वाल की देखरेख में इंस्पेक्टर राकेश शर्मा की टीम ने सनलाइट कॉलोनी में एक व्यक्ति से दो करोड़ की रंगदारी मामले का पर्दाफाश किया था। इनमें रंगदारी नहीं देने पर दो किशोरों ने पीडि़त के घर पर गोलियां चलाई थीं। इंस्पेक्टर राकेश की टीम ने अन्य आरोपियों समेत दोनों किशारों को पकड़ा था।

इसके अलावा नरेला में मांगी गई रंगदारी मामले में भी सोनीपत के दो नाबालिग पकड़े गए थे। जांच में पता लगा है कि लारेंस का गिरोह किशोरों को गिरोह से जोड़ रहा है। सोशल मीडिया की जांच से पता चला है कि गिरोह में राजस्थान, हरियाणा, यूपी व पंजाब के 50 से ज्यादा 14 से 18 वर्ष के लड़के गिरोह से जुड़ चुके हैं।

Staff Reporter
Author: Staff Reporter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *