US के बाद जर्मनी के रक्षा मंत्री भारत पहुंचे, राजनाथ की उपस्थिति में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंध विश्वास और सम्मान पर आधारित है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने वाला भारत पहला देश है।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दिल्ली में अपने जर्मनी समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मीटिंग में रक्षा सहयोग और औद्योगिक सहयोग मुद्दों पर चर्चा होगी।
चार दिन के भारत दौरे पर आए पिसेटोरियस को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में राजनाथ सिंह की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर हार भी चढ़ाया।
पिस्टोरियस सोमवार को अपने जर्मन प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली पहुंचे। रक्षा मंत्रालय से जारी एक बयान में बताया गया कि पिस्टोरियस दिल्ली में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुछ रक्षा स्टार्ट-अप से भी मुलाकात करेंगे।
अपनी भारत यात्रा से पहले जर्मनी मीडिया ने बताया कि रूसी हथियारों के लिए भारत कि निर्भरता निरंतरता बढ़ रही है, यह जर्मनी के हित में नहीं है। पिस्टोरियस ने कहा- ‘यह जर्मनी के ऊपर नहीं है कि इसे खुद बदल सके। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे संयुक्त रूप से अलग पार्टनर के साथ सुलझाना होगा। हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है लेकिन भारत रूस के हथियारों की डिलीवरी और अन्य सामानों पर काफी ज्यादा निर्भर है।’
पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मनी भारत और इंडोनेशिया जैसे पार्टनरों का समर्थन करने के लिए तैयार है।