बुलंदशहर के खुर्जा के अरनिया थाना इलाके के जहानपुर से 15 जून को अपहृत आठ वर्षीय चिराग की आरोपी नौकर ने शोर मचाने पर गला दबाकर हत्या कर दी थी। पुलिस की जाँच में आरोपी ने बताया और साथ ही वारदात में उसकी पत्नी भी शामिल थी।आरोपी की पत्नी की निशानदेही पर पुलिस ने अलीगढ़ के गांव कसेरू-टीकरी के जंगल से चिराग का शव सड़ी-गली अवस्था में बरामद कर लिया।
जानकारी के अनुसार बताया गया था कि दोपहर के समय वह अपने खेत पर नौकर अरुण चंद उर्फ आलोक व आठ वर्षीय बेटा चिराग उर्फ अंचित के साथ मौजूद था। राजेश ने नौकर को खेत से बाइक लेकर पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने के लिए भेजा था। साथ ही चिराग को भी घर छोड़ने के लिए कहा था,और तब से चिराग और नौकर दोनों लापता थे।
पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज देखी तो आरोपी बच्चे को ले जाते हुए दिख गया। रविवार देर रात अरनिया और खुर्जा देहात पुलिस संयुक्त रूप से दशहरा फ्लाईओवर पर चेकिंग कर रही थीं। इसी दौरान बाइक सवार युवक पुलिस को देखकर बाइक मोड़कर भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस टीम ने उसका पीछा किया तो आरोपी ने टीम पर ही फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में आरोपी के पैर में गोली लगी और वह सड़क पर गिर गया। आरोपी की पहचान की अरुण चंद उर्फ आलोक निवासी गांव सियाखास थाना जवां के रूप में हुई।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पहले पेट्रोल पंप पर पहुंचा लेकिन तेल नहीं डलवाया। बच्चे को बाइक पर बैठाकर अपने गांव की ओर चल दिया। इसी बीच चिराग ने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिस पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को चंडौस थाना क्षेत्र के गांव कसेरू-टीकरी के जंगल में फेंक दिया। वारदात में उसकी पत्नी रजनी ने भी साथ दिया।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि चिराग की हत्या के बाद वह अपने गांव सियाखास पहुंच गया था। वहां उसने पत्नी रजनी को बच्चे की हत्या की जानकारी दी। इसके बाद दोनों ने बच्चे के जीवित होने की झूठी कहानी बनाई और इसी के साथ 15 लाख रुपये की फिरौती मांगने की योजना बनाई। आरोपी अपने साथ राजेश का फोन भी ले गया था। उसने 16 जून को राजेश के फोन से उसके भांजे को मिस कॉल की। इस पर भांजे ने कॉल किया तो आरोपी अरुण ने उससे अगले दिन 17 जून को शाम चार बजे 15 लाख रुपये फिरौती की मांग की।