सुरक्षित नहीं है दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स,किसी में भी नहीं है आग से बचने के पुख्ता इंतज़ाम

मुख़र्जी नगर में लगी आग के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स की अग्निशमन विभाग पर ऑडिट करने का आदेश दिया था। 21 जून को ये ऑडिट शुरू हुआ था और तब से अबतक 130 इमारतों की ऑडिट हो चुकी है। इनमें यूपीएससी, सीए, एसएससी सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं।
दिल्ली अग्निशमन विभाग के फायर ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है की दिल्ली में चल रहे कोचिंग संसथान सुरक्षित नहीं है। शुरुआती जाँच में पता चला है की किसी भी कोचिंग संसथान में आग से बचने के पुख्ता इंतज़ाम नहीं है। जिन इमारतों में कोचिंग दी जा रही है उनमे भी कोई न कोई खामी है।

अग्निशमन विभाग के अधिकारी का कहना है कि फायर ऑडिट के दौरान शुक्रवार को भी इमारतों की जांच की गई। तीन दिन में विभाग ने कुल 130 इमारतों की जांच की है। जिसमें कोचिंग सेंटर चल रही है। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने इन इमारतों में आग से बचाव के इंतजामों की जांच की। जिसमें एक भी इमारत ऐसी नहीं मिली जिसमें आग से बचाव के उपाय किए गए हों।
सूत्रों का कहना है की कुछ इमारतें ऐसे मिली जिसमे आग से बचने के उपकरण तो है लेकिन वे काफी पुराने है। जिन इमारतों में उपकरण मौजूद है वहां उन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया गया। किसी किसी इमारत में सीढि़यां काफी संकरी है। आग लगने की स्थिति में यहां से छात्र छात्रों का निकलना काफी मुश्किल होगा। ज्यादातर इमारतों में भीतर जाने और आने के एक ही रास्ता है।
अधिकारी ने बताया की विभाग दिल्ली के मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर, जनकपुरी, कराेलबाग और कालू सराय में स्थित इमारतों में ऑडिट कर रही है। जहाँ पर ज्यादातर कोचिंग सेंटर्स मौजूद है। अधिकारी का कहना ये भी है की जिसे जहाँ जगह मिली उसने वहीँ नियमों को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर्स खोल लिया। उन्होंने कहा कि सिविक एजेंसी से उन इमारतों की जानकारी मांगी गई है, जहां कोचिंग सेंटर चलते हैं।

फिलहाल अग्निशमन विभाग इन इलाकों मेें लगे कोचिंग सेंटरों के बोर्ड के आधार पर इमारतों की जांच कर रही है। अधिकारी का कहना है कि सिविक सेंटर से इमारतों की जानकारी मिलने के बाद ऑडिट प्रक्रिया में तेजी आएगी। फिलहाल अग्निशमन विभाग की कई टीम शनिवार और रविवार को भी कई इलाकों में इमारतों की ऑडिट करेगी।

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