कोलकता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस नई दिल्ली आए । आज वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इस दौरान बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा पर भी बातचीत होने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव हुए थे। इस दौरान पूरे सूबे में जमकर हिंसा हुई। खूब तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई है। राजनीतिक लड़ाई के चलते छह जिलों में 16 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कहीं पोस्टल बॉक्स ही लूट लिया गया तो कहीं खूब बम चले। कूचबिहार में पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ के बाद उपद्रवियों ने बैलेट पेपर्स में ही आग लगा दी थी।
शनिवार आठ जुलाई को पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुआ था। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। मतदान वाले दिन 16 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। इनमें से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पाँच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या क्रमशः तीन, चार और एक थी। वहीं दक्षिण बंगाल के तीन जिलों- नादिया, पूर्वी बर्दवान और दक्षिण 24 परगना में एक-एक मौत हुई। जहाँ 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए। जलपाईगुड़ी हिंसा में आठ पत्रकार भी घायल हुए।
पिछले एक महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बीच, 38 से ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं।
बंगाल हिंसा की खबरों के बीच BSF DIG एसएस गुलेरिया ने राज्य चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है।
डीआईजी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ सात जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई। यहाँ पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहाँ इससे कहीं ज्यादा सेंसिटिव पोलिंग बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी। इसके बावजूद प्रशासन और राज्य चुनाव आयोग ने सही जानकारी नहीं दी। पश्चिम बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।
हिंसा की घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली थी। पश्चिम बंगाल के राज्य सीवी आनंद बोस ने भी चिंता जताई थी।