नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की यमुना नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना खादर में रह रहे हजारों लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान सोमवार रात से शुरू होकर मंगलवार सुबह तक चलाया गया है। प्रभावित लोगों के लिए दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर खादर साइड में सर्विस रोड के अलावा मयूर विहार में बंद पड़े लूप के ऊपर और नीचे अस्थायी टेंट लगाए गए है। वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर लोगों ने फ्लाईओवर के नीचे अपना अस्थायी ठिकाना बना लिया है। मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे अपने परिवार के साथ शरण लेने वाले कृष्णा ने बताया कि पूरे फ्लाईओवर के नीचे एक हजार से अधिक लोग अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं। अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि खाना तो खुद बना लिया, लेकिन पीने के पानी की बहुत किल्लत है। उनके वह काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दे कि सोमवार आधी रात 12 बजे के करीब जब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा तो लोगो को अपना बोरिया बांधकर दूसरी जगह जाना पड़ा। प्रभावित लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से पीने के पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही दूसरी ओर, मौके पर मिले जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव का कार्य ताज़ी से हो रहा है। जगह-जगह टेंट लगाने का काम चल रहा है। प्रभावितों के लिए एनजीओ ‘अक्षय पात्र’ के अलावा शीशगंज गुरुद्वारा भी खाने की व्यवस्था कर रहा है। वहीं एक एनजीओ ने यहीं पर खाना बनाने के लिए जगह मांगी थी, जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिन से लगातार यमुना खादर में अनाउसमेंट कर लोगों से सुरक्षित जगह पर पहुंचने की अपील की जा रही थी, लेकिन ज्यादातर लोग अपनी झुग्गियां छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। कई लोगों को रात के समय जबरन बाहर निकाला गया, लेकिन सुबह फिर वे अपनी झुग्गी में चले गए। उन्होंने बताया कि खादर में पानी आते ही सांप भी बाहर निकल आते हैं। सोमवार को एक किशोर को सांप ने काट भी लिया था जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।