मंगलवार 18 जुलाई का दिन देश की सियासत के लिए काफी अहम था। एक तरफ बंगलूरू में विपक्ष के 26 दलों ने बैठक की तो दूसरी ओर भाजपा की अगुआई में 38 दल एनडीए की बैठक में शामिल हुए। विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA (इंडिया) रखा। इसका पूरा नाम- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस है। बैठक के बाद दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने जीत के दावे किए। खैर, इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि विपक्ष के इंडिया और भाजपा की अगुआई वाले NDA में कौन ज्यादा मजबूत है? बूथ से लेकर संसद तक कौन कितना भारी पड़ेगा?
विपक्षी दलों ने क्या-क्या फैसले लिए?
- विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम तय किया।
- सभी विपक्षी दलों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए एकसाथ आने का फैसला लिया है।
- बैठक में सामूहिक प्रस्ताव भी पास हुआ।
- विपक्ष की अगली बैठक अब मुंबई में होगी।
- 11 सदस्यों की समन्वय समिति का गठन होगा।
- चुनाव के लिए दिल्ली में सचिवालय बनाया जाएगा।
NDA ने क्या फैसला लिया?
दिल्ली में एनडीए के खेमे में 38 राजनीतिक दलों ने एकसाथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्षी एकता पर जमकर हमला बोला है। पीएम मोदी ने कहा कि NDA मजबूरी वाला नहीं, बल्कि मजबूती वाला गठबंधन है। एनडीए में कोई छोटा बड़ा नहीं है। पीएम ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बंगाल में टीएमसी और लेफ्ट, और केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बंगलूरू में दोस्ती दिखा रहे हैं। पीएम ने कहा कि विपक्षी एकता छोटे-छोटे दलों के स्वार्थ का गठबंधन है जो किसी भी कीमत पर केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने NDA की मीटिंग में 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाने का दावा किया और इस दावे के पीछे अपने तर्क दिए। पीएम मोदी ने हर वर्ग को साथ लेकर चलने का मंत्र दिया। इसी के सहारे भाजपा अगले साल लोकसभा चुनाव में उतरेगी।
लोकसभा और राज्यसभा में कौन-कितना ताकतवर?
संसद में I-N-D-I-A की कितनी ताकत?
पार्टी | सांसद |
कांग्रेस | 49 |
डीएमके | 24 |
टीएमसी | 23 |
जेडीयू | 16 |
शिवसेना | 06 |
सपा | 03 |
आप | 01 |
एनसीपी (शरद पवार) | 03 |
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग | 03 |
झारखंड मुक्ति मोर्चा | 01 |
सीपीआईएम | 03 |
सीपीआई | 02 |
केरल कांग्रेस (एम) | 01 |
नेशनल कॉन्फ्रेंस | 03 |
आरएसपी | 01 |
एमडीएमके | 01 |
वीसीके | 01 |
कुल | 141 |
इंडिया की इन पार्टियों के पास संसद में एक भी सदस्य नहीं
आरजेडी, पीडीपी, सीपीआईएम (एमएल), केएमडीके, आरएलडी, अपना दल कमेरावादी, एआईएफबी, एमएमके
अब एनडीए की बात करें तो इस खेमे में अभी कुल 332 संसद हैं। सबसे ज्यादा सदस्य भाजपा के पास 301 सांसद हैं। शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के पास 13, लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस) के पास छह सदस्य हैं। एनसीपी अजित गुट के दो, अपना दल (S) के पास दो सांसद हैं। नौ ऐसे दल हैं, जिनके पास एक-एक सांसद हैं। 24 दल ऐसे हैं, जिनके पास कोई सांसद नहीं हैं।