नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के बाद अब दिल्ली फायर सर्विस के फायर ऑपरेटर पोस्ट की भर्ती में भी बड़ा गड़बड़ी का मामला सामने आया है। दिल्ली सबोर्डिनेट सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड (DSSSB) ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर से शिकायत की थी। शुरुआती जाँच के बाद क्राइम ब्रांच ने शनिवार को किसी का भेष धारण कर छल करने (धारा 419), जालसाजी (420) और आपराधिक साजिश (120बी) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जाँच अभी शुरुआती स्टेज पर है, इसलिए फिलहाल कुछ भी कहना ठीक नहीं रहेगा।
पुलिस ने बताया कि डीएसएसएसबी के डिप्टी सेक्रेटरी (एग्जाम) एसके त्यागी की तरफ से उन्हें पिछले महीने एक शिकायत मिली थी। इसमें लिखा था कि 6 नवंबर 2019 से लेकर 1 अगस्त 2022 के बीच में दिल्ली फायर सर्विस के फायर ऑपरेटर के एग्जाम में काफी तादाद में कैंडिडेट्स ने फर्जीवाड़ा किया है। इनमें से अधिकतर नौकरी पाने में सफल रहे हैं। कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) और ड्राइविंग स्किल्स टेस्ट (DST) में अलग-अलग कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया था। जाँच करने के बाद इसका खुलासा हुआ है। दावा है कि उसकी तरफ से बीएसटी और डीएसटी दोनों के दस्तावेजों का मिलान किया गया। इन दोनों में काफी असमानताएं पाई गईं है। इससे पता चलता है कि एक कैंडिडेट के लिए दो लोगों ने टेस्ट दिए हैं। इन कैंडिडेट्स के दोनों टेस्ट के दौरान लिए गए बायोमीट्रिक इंप्रेशन अलग मिले। दोनों एग्जाम के दौरान इनकी ली गई फोटो में भी अंतर पाया गया है। एक कैंडिडेट के मामले में ये देखने में आया कि सीबीटी के दौरान उसने राहुल के नाम से साइन किया, जबकि डीएसटी के समय उसने रवि नाम से साइन किए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जीवाड़े के आरोपी अधिकतर कैंडिडेट्स हरियाणा, राजस्थान और यूपी से हैं। ऐसे में किसी बड़े गिरोह के इसी एरिया में सक्रिय होने की आशंका है। दिल्ली पुलिस की भर्ती में भी इसी तरह का गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इसलिए दिल्ली फायर सर्विस के कर्मचारियों को भी खंगाला जाएगा। जाँच की शुरुआत आरोपी कैंडिडेट्स से ही होनी है, जिससे परत दर परत मामला खुल जाएगा। इससे पूरे मामले का खुलासा जल्द होनी की उम्मीद है। फ़िलहाल अभी जाँच जारी है।