मैजिक कॉल एप के जरिये लड़की की आवाज निकालकर ऑनलाइन ठगी का नया तरीका सामने आया है। इस एप से लड़की की आवाज निकालकर गृहमंत्रालय के सेवानिवृत्त सीनियर अधिकारी से 48 लाख रुपये ठग लिए गए। आरोपियों ने अधिकारी के बैचमेट की बेटी बनकर सहायता मांगने के नाम पर ठगी की।
दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर मुख्य आरोपी सुमन कुमार, आशीष कुमार, विवेक कुमार, अभिषेक कुमार व एक नाबालिग को पकड़ा है। सुमन कुमार ने बीसीए किया हुआ है। सुमन कुमार की फरार महिला दोस्त बीएससी कर रही है। सुमन कुमार डाबर कंपनी के निदेशक से भी 11 करोड़ रुपये ठग चुका है।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि मालवीय नगर में रहने वाले गृहमंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी देवेंद्र कुमार ठाकुर ने साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को आठ जुलाई को शिकायत दी थी कि उनके पास आरोही झा नामक लड़की का फोन आया। उसने खुद को उनके बैचमेट की बेटी होने का दावा किया।
लड़की ने कहा कि उसकी मां बिहार के एक अस्पताल में भर्ती है। उसने इलाज के लिए पैसे मांगे। लड़की ने कुछ दिनों बाद अधिकारी को फोन किया कि उसकी मां की मृत्यु हो गई है और उसे और पैसे की जरूरत है। इस पर पीडि़त ने लड़की को पैसे भेज दिए। कुछ दिन बाद लड़की ने फिर फोन कर कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया है और वह न्यूरो हॉस्पिटल में भर्ती है। लड़की किसी न किसी बहाने पीडि़त से पैसे मांगती रही। इस तरह पीडि़त ने लड़की के चार अलग-अलग बैंक खातों में 48 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
ऐसे पकड़े गए…
मामला दर्जकर साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में एसआई संदीप सैनी, एएसआई जितेंद्र व हवलदार की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने मामले के सभी उपलब्ध पहलुओं पर काम किया। जांच में पता लगा कि ठगी गई रकम चार अलग-अलग बैंक खातों में जमा की गई है। दो बैंक खातों में से एक सुमन कुमार के नाम से और दूसरा आशीष कुमार के नाम से पाया गया। निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से पहचाने गए आरोपी व्यक्तियों के विवरण सामने आए। इसके बाद पुलिस टीम ने सुमन कुमार व आशीष कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने विवेक कुमार, अभिषेक कुमार और एक नाबालिग को पकड़ लिया।
बरामद सामान
पुलिस ने इनकी निशानदेही पर सहरसा, बिहार से 7 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 पेन ड्राइव, 1 मेमोरी कार्ड, 5 सिम कार्ड, 3 डेबिट कार्ड, २६ लाख के 3 पोस्ट डेटेड चेक, 1,78,500 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इनके अलावा दो बैंक खातों में जमा 4,50,000 रुपये फ्रीज कर दिए गए।
बीसीए डिग्री होल्डर है सुमन कुमार
गिरोह का सरगना बिहार निवासी सुमन कुमार(26) ने बीसीए किया हुआ है। उसके खिलाफ जालसाजी व एनडीपीएस एक्ट के दो मामले दर्ज हैं। इसने महिला दोस्त को टेली कॉलर की नौकरी पर रखा। बाद में उसे पता लग गया कि सुमन कुमार ठगी करता है। फिर वह भी सुमन कुमार के गिरोह में शामिल हो गई। वह सुमन से तनख्वाह के रूप में हर रोज 1000 रुपये लेती थी। महिला दोस्त बीएससी कर रही है। महिला अप्रैल से सुमन के साथ काम कर रही है।