मंदिर है या मस्जिद? , ज्ञानवापी में मिले सबूत

पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने शुक्रवार को दिनभर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया। सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई। दीवारों व उसके आसपास से साक्ष्य जुटाए गए। 41 सदस्यीय टीम ने चार हिस्सों में बंटकर सर्वे किया। तीनों गुंबद के नीचे और तहखानों में सर्वे की रूपरेखा तैयार की। शनिवार को रेडिएशन के जरिये जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

दूसरी तरफ, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने शुक्रवार को सर्वे से दूरी बनाए रखी। उसका कोई भी प्रतिनिधि सर्वे स्थल तक नहीं पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार की सुबह एएसआई की टीम काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर पहुंची। गहमागहमी के बीच सबकी सुरक्षा मानकों की जांच हुई, फिर सर्वे टीम को ज्ञानवापी परिसर में भेजा गया।

साक्ष्य जुटाने के लिए कोना-कोना छान रही टीम

महिला वादिनी व उनके अधिवक्ता भी सर्वे के दौरान मौजूद रहे। सर्वे के बाद परिसर से बाहर आए महिला वादिनी व उनके अधिवक्तओं ने पूरी प्रक्रिया पर खुशी जताई और कहा कि एएसआई की टीम वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है। साक्ष्य जुटाने के लिए कोना-कोना छान रही है। एक-एक स्थान, दीवार व खंभों से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसकी वीडियो व फोटोग्राफी कराई जा रही है। पूरे परिसर की आकृति कागज पर तैयार की गई है। परिसर व उसके क्षेत्र के हिसाब कोडिंग भी हुई है।

कागज पर उतारी ज्ञानवापी की आकृति

ज्ञानवापी परिसर में चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए। इससे सतह की माप की गई। डेप्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की माप हुई। इसी आधार पर टीम ने परिसर की आकृति पर आंकड़े दर्ज किए। सर्वे की एक टीम ने मानकों के अनुसार तैयार नक्शों पर बाहर से दिख रहे परिसर को उकेरा।
कलाकृति और बनावट की जांच
दीवारों, खंभों और छत की माप के लिए कांबिनेशन सेंट वर्नियर बैवल प्रोट्रेक्टर की मदद ली गई। इसके जरिये उसकी बनावट, कलाकृति आदि की जांच की गई। एएसआई की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों से हुई चर्चा में बताया कि दर्ज किए गए आंकड़े व नक्शे आदि का मिलान कर शनिवार को बाकी बचे हिस्से की जांच की जाएगी। 24 जुलाई को एएसआई की टीम ने करीब साढ़े पांच घंटे तक सर्वे की कार्रवाई की थी। उस दिन हुए दर्ज आंकड़ों का भी मिलान किया गया।

ज्ञानवापी के तहखाने में गंदगी, सफाई के बाद सर्वे

एएसआई की टीम ज्ञानवापी के तहखाने में भी गई, लेकिन सर्वे नहीं हो सका। आसपास के दो तहखानों में गंदगी का ढेर है। अब नगर निगम की टीम से गंदगी की सफाई कराई जाएगी, फिर तहखानों के सर्वे को आगे बढ़ाया जाएगा। हालांकि, तहखाने की माप कराई गई है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी में तीन तहखाने हैं। तीन गुंबद बने हैं। इनके सर्वे से तमाम साक्ष्य मिलने की उम्मीद है।

24 जुलाई को हुआ था साढ़े पांच घंटे सर्वे

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार को सात घंटे पच्चीस मिनट तक चला है। एएसआई की टीम सुबह 7:40 बजे ज्ञानवापी पहुंच गई थी, फिर शाम को 5:20 टीम परिसर से बाहर निकली है। इस बीच जुमे की नमाज की वजह से एक घंटे पैंतालिस मिनट तक सर्वे का काम बंद रहा था। इससे पहले 24 जुलाई को पहले दिन एएसआई की टीम ने साढ़े पांच घंटे तक सर्वे का काम किया था।

नमाज के लिए पौने दो घंटे रुका रहा सर्वे का काम

ज्ञानवापी में जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार की दोपहर 12:30 बजे से 2:15 बजे तक एएसआई की ओर से सर्वे का काम रोक दिया गया। अन्य दिनों की अपेक्षा नमाजी कुछ ज्यादा ही संख्या में पहुंचे थे।दोपहर 2:20 बजे के बाद सर्वे का काम फिर शुरू हुआ। वहीं, जुमे की नमाज के बाद निकले कई नमाजियों ने पत्रकारों से बात की और कहा कि आपसी भाईचारा बना रहे और शांति कायम रहे, इसकी दुआ मांगी है।

एएसआई टीम ने ग्रहण किया अन्नपूर्णा का प्रसाद

एएसआई टीम ने सर्वे का पहला चरण दोपहर करीब 12.30 बजे पूरा किया। इसके बाद टीम काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। यहां दर्शन पूजन के बाद टीम ने अन्नक्षेत्र में माता अन्नपूर्णा का प्रसाद ग्रहण किया। करीब दो घंटे बाद फिर दूसरे चरण में सर्वे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया।
टोपोग्राफी शीट पर दर्ज जाएंगे आंकड़े
एएसआई की टीम शनिवार को सतह, निर्माण और बनावट आदि की जांच के बाद मशीनों से मिलने वाले आंकड़े को टोपोग्राफी शीट पर दर्ज करेगी। इसमें जरिये सतह के आकार और कलाकृतियों का अध्ययन कराया जाएगा। इस दौरान आवश्यकता पड़ने पर परिसर के अलग अलग हिस्सों से नमूने भी लिए जा सकते हैं।

 

Shanu Jha
Author: Shanu Jha

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *