राजधानी शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए भारी भूस्खलन के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता ने बताया कि 14 शव बरामद कर लिए गए हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, हमने पुष्टि की है कि 21 शव हो सकते हैं जिनमें से हमने पिछले दो दिनों में 14 शव बरामद किए हैं। SDM शिमला ने कहा कि खोज अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड अभियान में लगे हुए हैं। अगर हमें कुछ लोगों के जीवित होने की कोई सकारात्मक खबर मिलती है, तो हम उन्हें ठीक से बचा लेंगे।
समरहिल में एक ही परिवार के सात लोग भी लापता हैं। अपनों का अभी तक पता नहीं चलने से परिजन परेशान हैं। ये वो लोग हैं जो शिवमंदिर में थे। लेकिन इसके अलावा रास्ते से निकल रहे कितने लोग भूस्खलन की चपेट में आए उसकी जानकारी नहीं है। स्थानीय पार्षद ने यह जानकारी दी है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार जब भूस्खलन हुआ तो मंदिर में पूजा का कार्य चल रहा था। अधिकतर लोग मलबे के साथ नीचे बह गए। इसको देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन की एक टीम को नीचे नाले में भेजकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
वहीं, शिमला पुलिस ने अपील की है कि यदि शिवबाड़ी मंदिर हादसे के बाद शिमला व समरहिल के आसपास के क्षेत्र से यदि कोई व्यक्ति गुमशुदा है तो कि उसका नाम, पता, मोबाइल नंबर व संपूर्ण जानकारी साझा करें। इसके लिए पुलिस स्टेशन बालूगंज 01772830193, पुलिस कंट्रोल रूम शिमला 01772800100 व 112 पर सूचित करें।
दरअसल, सावन का सोमवार होने के कारण सुबह से ही समरहिल के शिवमंदिर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। भारी बारिश के चलते सुबह करीब 7:15 बजे धमाके के साथ भारी मलबा पेड़ों समेत मंदिर पर जा गिरा। इससे यह मंदिर पूरी तरह से मलबे में दब गया। जो लोग मंदिर पहुंचे थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला।