कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को लद्दाख के कारगिल में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका ये दौरा भारत जोड़ो यात्रा की ही हिस्सा है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वे लद्दाख तक आना चाहते थे, लेकिन उस समय के बर्फीले मौसम के चलते उन्हें प्रशासन की तरफ से इसकी इजाजत नहीं मिली। इस दौरान उन्होंने चीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
राहुल गांधी ने कहा कि चीन पर केंद्र सरकार पूरा सच नहीं बता रही है। राहुल गांधी ने कहा, ‘लद्दाख ने रणनीतिक जगह है। चीन ने हजारों किलोमीटर जमीन भारत से छीनी है। दुख की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कहा कि चीन ने एक इंच भी जमीन नहीं छिनी है। प्रधानमंत्री सच नहीं बोल रहे हैं। लद्दाख का हर व्यक्ति इस बात को जानता है कि लद्दाख जमीन की चीन ने ली है।’
आगे उन्होंने कहा कि जब भी सीमा पर युद्ध हुआ है तो लद्दाख के लोगों ने पूरी बहादुरी के साथ भारत के साथ मिल कर इसका सामना किया है। अपने दौरे में लद्दाख के लोगों की समस्याओं और उनके असल मुद्दों को समझने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि लद्दाख में देश के अलग-अलग हिस्सों से मेहनतकश काम करने के लिए पहुंचते हैं। जब उन्होंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि लद्दाख भी उनके दूसरे घर जैसा है। ऐसा उन्हें सिर्फ लद्दाखवासियों के कारण ही मुमकिन है। राहुल ने लद्दाख के लोगों की जमकर तारीफ की। साथ ही कहा प्यार लद्दाख के लोगों के डीएनए में है।
आज बाइक से घाटी पहुंचेंगे राहुल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज लद्दाख दौरा पूरा कर कश्मीर घाटी के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के अनुसार, आज करीब ढाई बजे राहुल गांधी बाइक से सोनमर्ग पहुंचेंगे। यहां से आगे अन्य वाहन से राहुल गांधी दो दिवसीय निजी यात्रा के लिए श्रीनगर के लिए रवाना होंगे। यहां शनिवार को उनकी मां सोनिया गांधी भी उनसे मिलने पहुंचेंगीं।
राहुल गांधी सप्ताह लद्दाख में रहे। इस दौरान उन्होंने लद्दाख में करीब हर उम्र के व्यक्ति से जुड़ने की कोशिश की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते देखा गया। 20 अगस्त को उन्होंने पैंगोंग झील पर अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्मदिन भी मनाया।
लद्दाख यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल ने मोटरसाइकिल पर पैंगोंग झील, नुब्रा घाटी, खारदुंगला टॉप, लामायुरू और जांस्कर सहित लगभग सभी प्रसिद्ध स्थानों का दौरा किया। लद्दाख में उन्होंने लेह सेवानिवृत्त सैन्य अफसरों से मुलाकात भी की। इसके साथ ही उन्हें लेह के मुख्य बाजार में फल खरीदते हुए भी देखा गया।