माही की जगह परी के आने से बिगड़ा पूजा का खेल, आयुष्मान की साख फिर कसौटी पर

फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ की कहानी उसी खांचे में फिट है जिस खांचे में इसकी पूर्ववर्ती फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ भरपूर मसालों के साथ फिट की गई थी। पिछली फिल्म का सार ये है कि मथुरा में अंतिम संस्कार का सामान बेचने वाले एक अधेड़ का जवान बेटा करमवीर नौकरी की तलाश में यहां वहां भटकते भटकते एक ऐसे कॉल सेंटर में नौकरी पा लेता है। कॉल सेंटर लोगों को फोन पर दोस्ती वाला है और इसमें करमवीर महिला स्वर निकालकर काल्पनिक किरदार पूजा बन जाता है। माही उसकी प्रेमिका है और फिल्म वहां खत्म होती है जहां राधा के गेटअप में करमवीर लोगों को मोबाइल फोन से निकलकर वास्तविक बातचीत करने का संदेश देता है।

मथुरा वाले अनिल शर्मा की फिल्म ‘गदर 2’ के बॉक्स ऑफिस पर मचे गदर पर बनी फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ भी मथुरा की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म है। करम अब भी अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए हर दिन संघर्ष कर रहा है। इस बार माही की बजाय वह परी से प्यार करता है। परी के पिता ने की शर्त है कि करम को शादी से पहले अपने खाते में 25 लाख रुपये जमा करके दिखाने होंगे। अब फिर शुरू होता है वही सारा झोल तमाशा। इस बार कॉल सेंटर से निकलकर पूजा वास्तविक जिंदगी में आ चुकी है। करमवीर को महिला गेटअप में तालियां लूटने की बात फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ में ही साबित हो चुकी है। लेकिन, मंच पर सीता या राधा बनना आसान है और असल जिंदगी में महिला बनकर रहना उससे कहीं मुश्किल। इन मुश्किलों के चलते तो हास्य पैदा होता है, उसी पर फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ की धुरी टिकी है।

फिल्म के लेखक-निर्देशक राज शांडिल्य हाल के दिनों में कहानियां चुराने के कथित आरोपों से खूब घिरे रहे हैं। पहले फिल्म ‘जनहित में जारी’ का मामला अदालत तक खिंचा और किसी तरह मुकदमा करने वाले लेखक को लाखों रुपये देकर मामला सुलटा। अब एक और मामले में उनपर आरोप लगा है। जहां तक उनकी लेखन क्षमता की बात है तो एकल पंक्तीय संवादों और रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य तलाशने की उनकी कला बेजोड़ है। लेकिन, एक हिट फिल्म का सीक्वल बनाने की जो कसौटी होती है, उस पर फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ डगमगाती दिखती है। राज ने फिल्म को मनोरंजक बनाने की कोशिश पूरी की है लेकिन करमवीर और माही की कहानी में जो रस था, वह करमवीर और परी की कहानी में नहीं है। कलाकारों की भरमार भी फिल्म को ऊपर नीचे करती रही है लेकिन इसमें हिचकोले ज्यादा हैं और हिंडोले से आनंद कम।

फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ पूरी तरह से अभिनेता आयुष्मान खुराना के कंधे पर टिकी हुई है। वही फिल्म के हीरो हैं और वही हीरोइन। करम सिंह और पूजा की भूमिका में अभिनय के प्रति उनका समर्पण और मेहनत स्पष्ट नजर आता है। लेकिन, कहते हैं ना कि अति सर्वत्र वर्जयेत। तो एक बिंदु पर आने के बाद पूजा का आकर्षण बिखरने लगता है। पूजा के इस टूटते तिलिस्म पर प्लास्टर चढ़ाने को फिल्म में परेश रावल, अन्नू कपूर और राजपाल यादव से लेकर मनोज जोशी, सीमा पाहवा, विजय राज, अभिषेक बनर्जी, मनजोत सिंह जैसे हास्य कलाकारों की पूरी बरात है लेकिन दादा कोंडके जैसी कॉमेडी फिल्म बनती जाती ‘ड्रीम गर्ल 2’ का आकर्षण धीरे धीरे बिखरता चला जाता है।

सिर्फ अपनी विरासत के बूते फिल्में पा रहीं अभिनेत्री अनन्या पांडे फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ की सबसे कमजोर कड़ी हैं। उनका परदे पर होना न होना, दोनों का कोई खास असर फिल्म में होता नहीं है। साफ पता चलता है कि संवादों को याद रखने के दबाव में उनका अभिनय सामने नहीं आ पाता है। न वह दृश्य की आवश्यकता समझ पाती हैं और न ही अपने संवादों की गहराई। इस मौके पर दर्शक फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ की हीरोइन नुसरत भरुचा को बहुत मिस करते हैं। अनन्या पांडे की बतौर लीड हीरोइन ये छठी फिल्म है और अब तक उन्हें ये साबित करना बाकी है कि दर्शक उनके नाम पर फिल्म देखने आ सकते हैं। एक अभिनेत्री के तौर पर उन्हें अभी बहुत मेहनत करने की जरूरत है। अभिनय में वह कमजोर हैं ही, उनका रूप लावण्य भी दर्शकों को एक बार फिर मोहित करने में विफल रहा है।

सिर्फ अपनी विरासत के बूते फिल्में पा रहीं अभिनेत्री अनन्या पांडे फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ की सबसे कमजोर कड़ी हैं। उनका परदे पर होना न होना, दोनों का कोई खास असर फिल्म में होता नहीं है। साफ पता चलता है कि संवादों को याद रखने के दबाव में उनका अभिनय सामने नहीं आ पाता है। न वह दृश्य की आवश्यकता समझ पाती हैं और न ही अपने संवादों की गहराई। इस मौके पर दर्शक फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ की हीरोइन नुसरत भरुचा को बहुत मिस करते हैं। अनन्या पांडे की बतौर लीड हीरोइन ये छठी फिल्म है और अब तक उन्हें ये साबित करना बाकी है कि दर्शक उनके नाम पर फिल्म देखने आ सकते हैं। एक अभिनेत्री के तौर पर उन्हें अभी बहुत मेहनत करने की जरूरत है। अभिनय में वह कमजोर हैं ही, उनका रूप लावण्य भी दर्शकों को एक बार फिर मोहित करने में विफल रहा है।

फिल्म की बाकी तकनीकी टीम में सिनेमैटोग्राफर सीके मुरलीधरन और जीतन हरमीत सिंह ने फिल्म के क्लाइमेक्स वाला दृश्य बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया है, जब परी अपनी बारात लेकर करम सिंह के घर आती है। एडिटर हेमल कोठारी ने भी मेहनत खूब की है लेकिन फिल्म परी वाले दृश्यों में ढीली पड़ जाती है, दरअसल इस किरदार की अब कहानी में जरूरत ही नहीं बची है। मेकअप और कॉस्ट्यूम का काम देखने वाली टीम का फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ में अच्छा योगदान रहा है।

 

Shanu Jha
Author: Shanu Jha

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