महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, क्या बोलीं सोनिया गांधी?

 

संसद का विशेष सत्र शुरू होने से पहले हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी ने अपने प्रस्ताव में महिला आरक्षण विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित करने की मांग की थी.

नई ड्रेस में नजर आए संसद में तैनात कर्मचारी और सुरक्षाबल, महिला आरक्षण बिल  पर बोलीं सोनिया गांधी- यह अपना है - sonia gandhi said on women s  reservation bill this is

कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार (19 सितंबर) को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लंबे समय से प्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह हमारा है.’ मंगलवार सुबह संसद पहुंचने के बाद सोनिया गांधी का तीखा जवाब आया. जब उनसे महिला आरक्षण विधेयक दोबारा संसद में लाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह हमारा है, अपना है.’

उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के एक दिन बाद आई है, इससे संसद के चल रहे विशेष सत्र में ऐतिहासिक विधेयक पेश करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

मोदी सरकार 18 सितंबर से शुरू हो रहे विशेष सत्र में ला सकती है महिला आरक्षण  विधेयक – UP Digital Diary

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में हुई विशेष सत्र में बिल पारित करने पर बात
कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न दो दिवसीय कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था ने अपने प्रस्ताव में महिला आरक्षण विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित करने की मांग की थी. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विशेष सत्र में विधेयक पारित करने की मांग की.

सबसे पहले एच. डी. देवेगौड़ा ने संसद में पेश किया था बिल
महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का विधेयक सबसे पहले 1996 में एच.डी. देवगौड़ा सरकार द्वारा पेश किया गया था. कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 2008 में इस कानून को फिर से पेश किया. यह कानून 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका और 2014 में इसके विघटन के बाद यह समाप्त हो गया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Shivam Sharma
Author: Shivam Sharma

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