संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी चंद्रयान पर बात रख रहे थे। इसी दौरान वो टोकाटाकी से सांसद कुँवर दानिश अली पर उखड़ गए। उन्होंने सांसद दानिश अली को निशाने पर लेते हुए उग्रवादी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में दानिश अली को कई असंसदीय शब्दों के संबोधनों से नवाजा।
हालाँकि, इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद जताया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रमेश बिधूड़ी को चेतावनी भी दी।
बाद में रमेश बिधूड़ी के बयान को लोकसभा की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया। संसद की कार्यवाही का वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
संसद से शुरू हुए इस पूरे विवाद के केंद्र में हैं दानिश अली। दानिश अली कौन हैं? उनका राजनीतिक इतिहास क्या रहा है? वो किस पार्टी से आते हैं और किस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, आप को बताते है दानिश अली के बारे मे ।
बसपा के सांसद हैं कुँवर दानिश अली
दानिश अली बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर साल 2019 का लोकसभा चुनाव अमरोहा से जीतकर संसद पहुँचे हैं। वो पहली बार सांसद बने हैं। बहुजन समाज पार्टी में वो पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही शामिल हुए थे, वो भी अपनी पुरानी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के मुखिया से आशीर्वाद लेकर कुँवर दानिश अली पहले जनता दल (सेक्युलर) के नेता थे। वो पार्टी में महासचिव के पद पर थे। उन्होंने कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) और कॉन्ग्रेस के बीच तालमेल बिठाकर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने साल 2019 में भाजपा के कँवर सिंह तँवर को हराकर मोदी लहर के बावजूद सपा-बसपा-कॉन्ग्रेस की जुगलबंदी का फायदा उठाकर जीत हासिल की थी।
विवादों से रहा है पुराना नाता
दानिश अली कई बार विवादों में रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी जहरीले बयान दे चुके हैं। हालाँकि इस साल वो दो बार विवादों में आए। इस साल फरवरी माह में उन्होंने टीपू सुल्तान की कब्र का दौरा किया। उन्होंने कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष को ललकारते हुए खुद को टीपू सुल्तान का ‘प्राउड फॉलोवर’ बताया था।