एक बहन अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने पोलिस थाने जाती है मगर एक हफ्ते बाद उसके घर उसके भाई की हत्या की खबर आती है। देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने दोस्ती में विश्वास पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। अपने ही दोस्त ने पहले तो फिरौती के लिए अपहरण किया फिर हत्या कर लाश झारियो में फेक दिया। मामले में दो आरोपी शामिल थे जिनमे से पुलिस ने एक को पाकर लिया है और दूसरा अब भी फरार है।
दिल्ली पुलिस ने अपहरण के बाद हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए मामले में शामिल दो आरोपियों में से एक आरोपी को राजस्थान के गंगानगर से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, एक आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर मृतक का शव बेहटा हाजीपुर रेलवे स्टेशन, गाज़ियाबाद के पास झाड़ियों से बराबद किया है। बताया जा रहा है कि तीनों अच्छे दोस्त थे।
दोस्त का अपहरण कर मांगी फिरौती की रकम
दिल्ली के करावल नगर में रहने वाली गीता चौधरी पुत्री धर्मवीर सिंह ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि 19 सितंबर शाम साढ़े पांच बजे उसका भाई नितिन (22) घर से बिना बताए चला गया। जिसके बाद 20 सितंबर को सुबह लगभग 10.23 बजे उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया, जिसमें फोन करने वाले ने उसे सूचित किया कि उसके भाई का अपहरण कर लिया गया है और दो रुपये का भुगतान करने के बाद ही उसे छोड़ा जाएगा। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अपहरण करने के बाद की हत्या
पुलिस जानकारी के anusaar जांच के दौरान पुलिस ने नितिन के दोस्त सचिन को गिरफ्तार किया। आरोपी सचिन 12वीं कक्षा तक पढ़ा है। वह करावल नगर में एक बर्तन की दुकान पर सेल्समैन का काम करता है। वह नितिन (पीड़ित) को 2018 से जानता था। उसकी 2021 में शादी हुई और उसकी दो महीने की एक बेटी है। करीब दो साल पहले सचिन की मुलाकात अरुण (सह-आरोपी) से हुई थी। उसने अरुण के बड़े भाई की शादी कराने में मदद की। सचिन ने कुछ समय पहले एक मोटरसाइकिल खरीदी थी, लेकिन वह किश्तें चुकाने में असमर्थ था। हाल ही में अपनी मोटरसाइकिल 40,000 रुपये में गिरवी रख दी थी। अपनी बेटी के जन्म के बाद से उसे काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था।
ऐसे बनाई योजना
करीब 15 दिन पहले सचिन और अरुण ने नितिन का अपहरण कर दो लाख रुपये मांगने की योजना बनाई। नितिन के नाम करावल नगर में एक मकान था। सचिन और अरुण ने सोचा कि उनका परिवार उन्हें आसानी से फिरौती की रकम दे सकता है और वे पैसे आपस में बांट लेंगे। योजना के तहत 19 सितंबर को सचिन ने शाम को नितिन को ड्रिंक के लिए आमंत्रित किया। सचिन के साथ अरुण पहले से ही मौजूद थे। दोनों के पास चाकू थे, लेकिन वे गहरे दोस्त थे इसलिए नितिन को किसी पर शक नहीं हुआ।
झाड़ियों में फेंका शव
शाम लगभग 6:15 बजे नितिन जौहरीपुर मुख्य मार्ग पर पहुंचा, जहां सचिन और अरुण उसका इंतजार कर रहे थे। वे तीनों बेहटा हाजीपुर रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे। वहां उन्होंने एक स्थानीय शराब की दुकान से दो शराब के क्वार्टर खरीदे और पीने के लिए रेलवे ट्रैक के पास बैठ गए। रात करीब 09:00 बजे सचिन ने सुझाव दिया कि उन्हें घर लौट जाना चाहिए। जब वे अंधेरे में वापस जा रहे थे, रेलवे ट्रैक के पास एक सुनसान जगह पर सचिन और अरुण दोनों ने नितिन को पकड़ लिया और चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने उसका मोबाइल फोन भी ले लिया। किसी को शक न हो इसलिए शव को रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में छिपा दिया और घर लौट आये।
पत्नी की सहेली के घर पहुंचा आरोपी
अगले दिन यानी 20 सितंबर को सुबह लगभग 10:30 बजे वे लोनी (गाजियाबाद) पहुंचे और नितिन की बहन को उसी के फोन से फिरौती के लिए कॉल किया। हालांकि जल्द ही सचिन और अरुण को एहसास हुआ कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। वे घबरा गए और उन्होंने दिल्ली छोड़ने का फैसला किया। सचिन अपनी पत्नी और बेटी को लेकर राजस्थान के गंगा नगर पहुंचा, जहां उनकी पत्नी की करीबी दोस्त रहती थी। पुलिस टीम ने उसे गंगानगर से पकड़ लिया