इस्लामाबाद। महंगाई में बेतहाशा वृद्धि से पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। सरकारें देश पर ठीक से शासन करने में विफल रहीं, जिसके कारण पिछले कुछ महीनों में रिकॉर्ड मुद्रास्फीति हुई। पाकिस्तान में महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर 31.4 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 27.4 प्रतिशत थी। दरअसल पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल और ऊर्जा की कीमतों में आए उछाल की वजह से महंगाई दर बढ़ी है।
आपको बता दे कि पाकिस्तान बीते दिनों दिवालिया होने के कगार पर था लेकिन आईएमएफ ने बीती जुलाई में उसे तीन अरब डॉलर का पैकेज देकर दिवालिया होने से बचा लिया। हालांकि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर कई कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिनमें से एक पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की शर्त भी थी। जिसके चलते पाकिस्तान की सरकार ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की और उसके असर से वहां मई महीने में रिकॉर्ड 38.0 प्रतिशत महंगाई दर हो गई थी। वहां ब्याज दर भी 22 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
पाकिस्तान की खराब आर्थिक हालत से पहले ही वहां की जनता त्रस्त थी, अब बढ़ती महंगाई ने पूरी तरह से उनकी कमर तोड़कर रख दी है। बता दें कि पाकिस्तान में वहां की ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने एलपीजी में 20.86 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद वहां एलपीजी 260.98 रुपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं घरेलू सिलेंडर की कीमत बढ़कर 3079.64 रुपये हो गई है।
पाकिस्तानी रुपये की गिरती कीमत ने भी उनकी परेशानी बढ़ाई है। हालांकि अगस्त में सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सितंबर में पाकिस्तानी रुपये की हालत थोड़ी सुधरी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले कुछ महीनों तक महंगाई दर 29-31 प्रतिशत के आसपास ही रहेगी और अगले साल की शुरुआत में इसमें थोड़ी राहत मिल सकती है।