दिवाली से पहले सरकार ने किसानों को तोहफा देने का एलान किया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए फायदेमंद फैसले को मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। सरकार की तरह से न्यूट्रिएंट बेस्ड फर्टिलाइजर सब्सिडी को मंजूरी दी गई है। इस बार के रबी सीजन के लिए यह मंजूरी दी गई है। इससे सरकार के ऊपर 22000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।
मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर रबी मौसम, 2023-24 (01.10.2023 से 31.03.2024 तक) के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दे दी है। आगामी रबी सीजन 2023-24 में एनबीएस पर 22,303 करोड़ रुपये के खर्च की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक रबी सीजन के लिए सब्सिडी की जानकारी दी। उन्होने बताया कि नाइट्रोजन के लिए यह 47.2 रुपये प्रति किलोग्राम, फास्फोरस 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश सब्सिडी 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम होगी और सल्फर सब्सिडी 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम होगी।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी जारी रहेगी क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ें तो इसका असर देश के हमारे किसानों पर ना पड़े। डीएपी पर सब्सिडी 4500 रुपये प्रति टन जारी रहेगी। डीएपी पुरानी दर के अनुसार 1350 रुपये प्रति बोरी में मिलेगी। एनपीके 1470 रुपये प्रति बैग की कीमत पर उपलब्ध होगा।
पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी रबी सीजन 2023-24 (01.10.2023 से 31.03.2024 तक लागू) के लिए अनुमोदित दरों के आधार पर प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर इन उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह उर्वरक विनिर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को सब्सिडाइज्ड मूल्यों पर पीएण्डके उर्वरकों के 25 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। पीएण्डके उर्वरकों पर सब्सिडी दिनांक 01-04-2010 से एनबीएस स्कीम के तहत दी जा रही है। सरकार अपने किसान हितैषी दृष्टिकोण के अनुसार, किसानों को वहनीय मूल्यों पर पीएण्डके उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।