पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के साले के लड़के का अपहरण कर लिया और छोड़ने की एवज में 50 हजार रुपये ऐंठ लिए।

दिल्ली पुलिस दिलवालो की सच में दिल्ली पुलिस दिल्लीवालों की है इसमें कोई दोराये नहीं हालंकि हकीकत बिलकुल इससे परे है ऐसा हम आपको क्यों बोल रहे है ये आपको आगे पता चल ही जायेगा की आखिर दिल्ली पुलिस ऐसे कारनामे करके क्यों डिपार्टमेंट को शर्मशार करती है। अब हम आपको मामला बताते है हालंकि दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर (एसआई) ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के रिश्तेदार को भी नहीं बख्शा। लोदी कॉलोनी थाने में तैनात एसआई अंकित पंवार ने उपराज्यपाल के साले के लड़के अभिषेक मिश्रा का अपहरण कर लिया और छोड़ने की एवज में 50 हजार रुपये ऐंठ लिए।

अभिषेक मिश्रा के बड़े भाई अनुराग मिश्रा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस ब्रांच में एसआई के खिलाफ उगाही, रास्ता रोकने और पीओसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। दक्षिण जिला पुलिस ने मामला सामने आते ही एसआई अंकित पंवार को निलंबित कर दिया है। विजिलेंस ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी ने एसआई के खिलाफ मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि मूलरूप से गांव उमापुर, प्रतापगढ़, यूपी निवासी अनुराग मिश्रा ने दिल्ली में एक सीएनजी पंप पर नौकरी करते हैं। 24 सितंबर को पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने कहा था कि उसका भाई अभिषेक मिश्रा आईएसआई सुरक्षा कंपनी में कार्यरत है। उसका मोबाइल बंद आ रहा है। सुरक्षा कंपनी से पूछने पर पता लगा कि उसके भाई को चोरी के आरोप में लोदी कॉलोनी थाना पुलिस ने पकड़ा है।

वह एसआई अंकित पंवार की कस्टडी में है। वह वकील अनिल कुमार पांडेय के साथ लोदी कॉलोनी थाने पहुंचा। जब वे थाने पहुंचे तो एक पुलिसकर्मी उसके भाई को मेडिकल जांच के लिए ले जा रहे थे। उन्हें उनके भाई से मिलने नहीं दिया गया।

वकील अनिल कुमार पांडेय ने अपने साथी वकील गौरव चौधरी को बुला लिया। जब वह लोदी कॉलोनी थाने के बाहर थे तभी एक व्यक्ति जिसने कमांडो कैप पहनी हुई थी, कहा कि जांच अधिकारी एसआई अंकित पंवार उसके भाई अभिषेक मिश्रा को छोड़ देंगे। इसकी एवज में उन्हें एसआई को 50 हजार रुपये देने होंगे।

अनुराग मिश्रा ने गुहार लगाई कि वह इतना पैसा कहां से लेकर आएगा। बात नहीं बनने पर उन्होंने गुजरात में रहने वाले बहनोई से पैसों का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद जैसे-तैसे पैसों का इंतजाम कर एसआई अंकित को दोनों वकीलों के माध्यम से दिए गए। इसके बाद इसके भाई को छोड़ दिया गया।

जांच के बाद एसआई के खिलाफ मामला दर्ज
मैनेजर अनुराग मिश्रा की शिकायत पर दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने जांच के आदेश दिए। जांच के बाद जिम्मा सीआर पार्क एसीपी नीरज टोकस को सौंपा गया। उनकी जांच में पीडि़त के आरोपों के समर्थन में तथ्य मिले हैं। एसआई की काफी संदिग्ध भूमिका पाई है। इसके बाद इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने एसआई अंकित पंवार के खिलाफ अब मामला दर्ज कर लिया है।

थानाध्यक्ष को भी किया गया था लाइन हाजिर
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये मामला सामने आने के बाद एसआई अंकित पंवार को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही लोदी कॉलोनी थानाध्यक्ष संजीव मंडल को लाइन हाजिर कर दिया था। हालांकि इस मामले में थानाध्यक्ष संजीव मंडल की कोई संदिग्ध भूमिका सामने नहीं आई। वह उस दिन छुट्टी पर थे। साथ ही एसीपी नीरज टोकस की जांच में उसके खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला।

हालंकि एक सरकारी कर्मचारी को उसके पद के अनुसार वेतन के साथ साथ जितनी सरकारी सुविधा होती है सब मुहैया करवाई जाती फिर भी उसके बाद ये अपना काम ईमानदारी से करने के बजाये लालच में पड़ जाते है। हालंकि पुरे मामले में कर्यवाई जारी है।

Vinayak Kumar
Author: Vinayak Kumar

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