सीएम नीतीश ने दिया विधानसभा में गर्भ रोकने का फॉर्मूला, मगर शब्द लिखने योग्य नहीं

 

इन दिनों नितीश कुमार का ध्यान कहा है ये सब खोजने में लगे है। पहले तो उन्होंने अपने मंत्री डॉ. अशोक चौधरी के सिर पर श्रद्धांजलि सभा का फूल डाल दिया। इसके पहले उन्होंने डॉ. चौधरी का सिर एक पत्रकार से टकरा दिया था। उसके पहले नीतीश ने एक बार धरती के खत्म होने की बात भी की थी। नीतीश ऐसे नहीं थे, लेकिन ऐसा व्यवहार और ऐसी बात अब ज्यादा के की सीमा भी पार हो चुकी है। इन्हीं बातों के आधार पर उनके पुराने साथी और पूर्व सांसद अरुण कुमार ने आरोप लगाया था कि जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सीएम नीतीश को गलत दवा दे रहे हैं कि मेमोरी लॉस हो। लेकिन, मंगलवार को सीएम नितीश कुमार कुछ ऐसा बोल गए कि उसे छापा ही नहीं जा सकता। उन्हें बताना था कि लड़कियों की शिक्षा के कारण बिहार में जन्म-दर नियंत्रित हो रहा है, लेकिन उन्होंने बिहार विधानसभा में इसकी पूरी शारीरिक प्रक्रिया बता दी और वो भी इशारो के साथ।

नितीश ने बताया प्रजनन रोकने में शिक्षा का फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा, उसे शब्दश: नहीं लिखा जा सकता। उनकी कही बातें वायरल हो रही हैं- “पुरुष है वह तो रोज रात में (इशारा) ###, उसके साथ वह रोज (इशारा) ### है न! त उसी में वह ### हो जाता है। लड़की पढ़ लेती है तो उसे पता होता कि वह ### ठीक है, लेकिन अंतिम में ### उसको ### कर दो।” मुख्यमंत्री दरअसल शिक्षा के कारण बिहार में जन्म-दर गिरने की बात बताना चाह रहे थे, लेकिन वह इतना कुछ बोल गए कि वह वायरल हो गया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही बिहार में जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों के आधार पर आरक्षण का प्रतिशत 50 की जगह 65 करने का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा उन्होंने राज्य में छह हजार से कम मासिक आय वाले 94 लाख से ज्यादा परिवारों को आर्थिक मदद की योजना लाने का प्रस्ताव दिया। इन प्रस्तावों को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के शेष तीन दिनों के अंदर सरकार अंतिम फैसले तक पहुंचाने की तैयारी में है।

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Author: Kanchan

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